2,000 रुपए से ज्यादा के UPI भुगतान पर GST लगेगा? वित्त मंत्रालय का आया ये जवाब

PIB Fact Check on UPI GST: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से पेमेंट करने वाले यूजर्स के लिए एक जरूरी खबर आई है. 2,000 रुपए से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा

NewsTak

ललित यादव

• 09:21 PM • 18 Apr 2025

follow google news

 PIB Fact Check on UPI GST: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से पेमेंट करने वाले यूजर्स के लिए एक जरूरी खबर आई है. 2,000 रुपए से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा. हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि ऐसे ट्रांजैक्शन पर जीएसटी (GST) लगाया जाएगा. लेकिन अब सरकार ने इन दावों को पूरी तरह से गलत और फर्जी बताया है.

Read more!

PIB ने दी जानकारी

वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया कि 2,000 रुपए से ज्यादा के लेन-देन पर किसी भी तरह का GST लागू नहीं होगा. जनवरी 2020 से ही पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) UPI ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को शून्य कर दिया गया है. ऐसे में इन ट्रांजैक्शनों पर GST का सवाल ही नहीं उठता.

सरकार ने बढ़ाई इंसेंटिव स्कीम

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 से एक इंसेंटिव स्कीम भी चला रखी है, जिसे 19 मार्च को को एक साल और आगे बढ़ा दिया है. अब यह योजना 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी. इस स्कीम पर सरकार करीब 1,500 करोड़ रुपए खर्च करेगी.

इस योजना के तहत रूपे डेबिट कार्ड और BHIM-UPI से 2,000 रुपए तक का पेमेंट करने पर दुकानदारों को इंसेंटिव मिलेगा. सरकार हर सफल ट्रांजैक्शन पर 0.15% का इंसेंटिव देगी. यह इंसेंटिव सीधे दुकानदार के बैंक अकाउंट में जाएगा.

रूपे कार्ड और BHIM-UPI को बढ़ावा मिलने से अंतरराष्ट्रीय पेमेंट कंपनियों जैसे वीज़ा और मास्टरकार्ड पर असर पड़ेगा. इसका मकसद देशी पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देना है.

कैसे मिलता है इंसेंटिव?

मान लीजिए कोई ग्राहक 2,000 रुपए की खरीदारी करता है और भुगतान BHIM-UPI से करता है, तो दुकानदार को लगभग 3 रुपए का इंसेंटिव मिलेगा. साथ ही बैंक को भी ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग के लिए इंसेंटिव दिया जाएगा. सरकार, बैंक द्वारा किए गए कुल दावे की 80% राशि तुरंत दे देगी. बाकी 20% तब मिलेगी जब बैंक की तकनीकी सेवाएं तय मानकों पर खरी उतरेंगी, जैसे सिस्टम अपटाइम 99.5% और फेल्योर रेट 0.75% से कम हो.

रियल-टाइम लेनदेन में टॉप पर भारत

ACI वर्ल्डवाइड की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दुनिया भर के रियल-टाइम लेनदेन में भारत का हिस्सा 49% था. वहीं इंडिया में यूपीआई लेनदेन में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2019-20 में यह ₹21.3 लाख करोड़ थी, जो मार्च 2025 तक बढ़कर ₹260.56 लाख करोड़ हो गई. खासकर, व्यापारियों को किए गए P2M लेनदेन ₹59.3 लाख करोड़ तक पहुंच गए हैं.

    follow google newsfollow whatsapp