Japanese Female Researcher Molestation Case in JNU: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) ने यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में कड़ा रुख अपनाया है. यूनिवर्सिटी ने एक जापानी महिला रिसर्चर के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में एक प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया है. इसके अलावा, भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक संकाय सदस्य और दो गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.
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यौन उत्पीड़न का मामला: प्रोफेसर पर गिरी गाज
जेएनयू में कुछ महीने पहले एक कार्यक्रम के दौरान जापान की एक महिला रिसर्चर के साथ यौन उत्पीड़न की घटना हुई थी. पीड़िता ने जापान लौटने के बाद औपचारिक शिकायत दर्ज की. यह मामला राजनयिक चैनलों के जरिए भारतीय विदेश मंत्रालय और जेएनयू प्रशासन तक पहुंचा. यूनिवर्सिटी की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने जांच के बाद आरोपों को सही पाया. इसके आधार पर कार्यकारी परिषद ने प्रोफेसर को बर्खास्त करने का फैसला लिया.
जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने कहा, "यूनिवर्सिटी प्रशासन महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी अपराध और उसके अपराधी के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है." सूत्रों के मुताबिक, आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें थीं. बर्खास्त प्रोफेसर को अपीलीय समिति या अदालत में अपील करने का अधिकार है, लेकिन तब तक बर्खास्तगी लागू रहेगी.
भ्रष्टाचार पर भी सख्ती
यौन उत्पीड़न के मामले के साथ-साथ जेएनयू ने भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में भी कार्रवाई की है. पर्यावरण विज्ञान विभाग के एक रिसर्च प्रोजेक्ट में अनियमितताओं के आरोप में एक संकाय सदस्य को बर्खास्त किया गया है. इस मामले की जांच के लिए तथ्य-खोज समिति बनाई गई थी. समिति की रिपोर्ट के आधार पर दो गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी नौकरी से बर्खास्त किया गया है. यह मामला अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास भेजा गया है. यूनिवर्सिटी ने कहा कि अन्य दोषियों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी.
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