IAS Bhavya Mittal: आईएएस भव्या मित्तल कौन हैं? जिन्होंने बाबू को बना दिया चपरासी, जमकर हो रही चर्चा

IAS Bhavya Mittal: आईएएस अफसर भाव्या मित्तल बुरहानपुर की कलेक्टर हैं. भाव्या मित्तल के एक फैसले की वजह से उनकी जमकर चर्चा हो रही है. असल में, भाव्या मित्तल ने एक क्लर्क को रिश्वत के मामले में दोषी पाए जाने पर उसे बाबू से चपरासी बना दिया है. सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन करने पर सहायक ग्रेड-3 के बाबू पर कार्रवाई की गई है.

आईएएस भाव्या मित्तल की जमकर हो रही चर्चा.

आईएएस भाव्या मित्तल की जमकर हो रही चर्चा.

अशोक सोनी

22 Jan 2025 (अपडेटेड: 22 Jan 2025, 01:09 PM)

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IAS Bhavya Mittal: आईएएस अफसर भाव्या मित्तल बुरहानपुर की कलेक्टर हैं. भाव्या मित्तल के एक फैसले की वजह से उनकी जमकर चर्चा हो रही है. असल में, भाव्या मित्तल ने एक क्लर्क को रिश्वत के मामले में दोषी पाए जाने पर उसे बाबू से चपरासी बना दिया है. सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन करने पर सहायक ग्रेड-3 के बाबू पर कार्रवाई की गई है.

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बुरहानपुर कलेक्टर भाव्या मित्तल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना कार्यालय खकनार में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 सुभाष काकडे को पद के दुरुपयोग और रिश्वत लेने आरोप में दोषी पाए जाने पर चपरासी पद पर अवनत करने की कार्रवाई की है. यह कार्रवाई म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण, तथा अपील) नियम 1966 के तहत की गई.

दरअसल, कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी भाव्या मित्तल ने बताया कि जनसुनवाई के दौरान सुभाष काकडे पर आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती के लिए रिश्वत मांगने का आरोप सामने आया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए जुलाई 2024 में काकडे को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई.

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स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसमें नहीं मिला संतोषजनक जवाब 

जांच अधिकारी, अपर कलेक्टर और परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सुनवाई में पर्याप्त अवसर देने के बावजूद सुभाष काकडे़ अपना संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे. जांच में यह प्रमाणित हुआ कि उन्होंने म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 13 और 14 का उल्लंघन किया, जो पद के दुरुपयोग और वित्तीय लाभ की श्रेणी में आता है.

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कलेक्टर ने बना दिया चपरासी

कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई करते हुए सुभाष काकडे को नेपानगर के रिक्त भृत्य या चपरासी पद पर स्थानांतरित कर दिया है. साथ ही, उनके निलंबन को समाप्त करते हुए निलंबन अवधि को अकार्य दिवस घोषित कर दिया है. यह कार्रवाई प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर संदेश देने का प्रयास है.

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