शंकराचार्य ने क्यों कहा अयोध्या के राम मंदिर में पूजा की तो इससे होंगी राक्षसी शक्तियां बलवान

अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना है. लेकिन उसके पहले सभी चारों शंकराचार्यों ने इस कार्यक्रम में आने से इनकार कर दिया है. वजह है मंदिर का अधूरापन. सभी शंकराचार्यों का कहना है कि निर्माणाधीन या अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती है. इसे लेकर जो सबसे मुखर नजर आ रहे हैं, वे हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद.

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एमपी तक

20 Jan 2024 (अपडेटेड: 20 Jan 2024, 10:29 AM)

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Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना है. लेकिन उसके पहले सभी चारों शंकराचार्यों ने इस कार्यक्रम में आने से इनकार कर दिया है. वजह है मंदिर का अधूरापन. सभी शंकराचार्यों का कहना है कि निर्माणाधीन या अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती है. इसे लेकर जो सबसे मुखर नजर आ रहे हैं, वे हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का तो यहां तक कहना है कि मंदिर के वास्तु के हिसाब से बिना ध्वज के मंदिर में आसुरी यानी राक्षसी शक्तियां विद्यमान हो जाती हैं. ध्वज हमेंशा ही शिखर पर लगाया जाता है. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का शिखर अभी तैयार नहीं हुआ है और ऐसे में उस पर ध्वज भी नहीं लगेगा. बिना ध्वज के मंदिर में यदि पूजा की गई और कर्म कांड किए गए तो इससे राक्षसी शक्तियों को बल मिलेगा और दैवीय शक्तियों को इससे कोई लाभ नहीं होगा. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने एमपी तक के सहयोगी चैनल उत्तराखंड तक को दिए एक्सक्लूजिव इंटरव्यू में राम मंदिर के मुद्दे पर और क्या कुछ बोला है, उसे इस वीडियो में देखें.

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