Lok Sabha Election: कांग्रेस ने अरुण यादव की जगह नरेंद्र पटेल को क्यों बनाया उम्मीदवार, खंडवा प्रत्याशी ने खोला बड़ा राज़

अरुण यादव की जगह नरेंद्र शिवाजी पटेल को कांग्रेस ने क्यों अपना उम्मीदवार बनाया, इन सवालों का खुलकर जवाब कांग्रेस प्रत्याशी नरेन्द्र पटेल ने एमपी तक को दिया.

कांग्रेस ने अरुण यादव की जगह नरेंद्र पटेल को क्यों बनाया उम्मीदवार?

कांग्रेस ने अरुण यादव की जगह नरेंद्र पटेल को क्यों बनाया उम्मीदवार?

जय नागड़ा

• 04:38 PM • 07 Apr 2024

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Lok Sabha Election 2024: मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जिन तीन सीटों पर निर्णय अटका हुआ था, उसमें खण्डवा संसदीय क्षेत्र पर सभी की निगाहें लगी हुई थी. यहां कांग्रेस जनों को पूरी उम्मीद थी कि कांग्रेस के कद्दावर नेता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ही चुनाव मैदान में होंगे, लेकिन जब कांग्रेस आलाकमान ने नरेंद्र पटेल को उम्मीदवार बनाया तो हर कोई हैरान रह गया. अरुण यादव ने चुनावी रण से स्वयं को मुक्त कर लिया है. क्या हार के डर से अरुण यादव ने कदम वापस खींचे ? क्या उन्हें अपने भाग्य पर भरोसा नहीं रहा था या खण्डवा की जनता पर ? इन सवालों का खुलकर जवाब कांग्रेस प्रत्याशी नरेन्द्र पटेल ने एमपी तक को दिया. उन्होंने हर तीखे सवाल के भी जवाब दिए.

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कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल ने बताया कि उन्हें लोग क्यों अपना सांसद चुनें? वे कैसे चुनाव जीतेंगे? अरुण यादव की बजाय क्यों कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया, इन सभी सवालों पर उन्होंने विस्तार से बातचीत की.

अरुण यादव ने क्यों किया खुद को चुनावी रण से दूर? 

नरेंद्र पटेल ने अरुण यादव को प्रत्याशी न बनाए जाने पर कहा, "निश्चित रूप से यह अरुण यादव जी का निजी निर्णय है, लेकिन उन्होंने (अरुण यादव ने) देखा कि मैं लगातार दो लोकसभा चुनाव हार चुका हूं. यदि खण्डवा लोकसभा क्षेत्र की जनता मुझे चुनती नहीं है, तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में निर्णय लिया कि जिस पर सभी नेताओं की सहमति हो उसे कैंडिडेट बनाया जाये. उसमे मेरा नाम आया, ठाकुर राजनारायण सिंह जी ने मेरे नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन अरुण यादव जी ने किया. सबको मौका मिलना चाहिये ,आप एक पहलु देख रहे हैं, उन्होंने अच्छा निर्णय लिया वे बड़े नेता हैं, पूरे मध्यप्रदेश में प्रचार प्रसार करेंगे."

अरुण यादव मुझसे अच्छे कैंडिडेट हो सकते थे, लेकिन...

अरुण यादव की जगह खुद को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने पर पटेल ने कहा, "अरुण यादव अच्छे कैंडिडेट हो सकते थे. मैं मानता हूं कि वे मेरे से अच्छे कैंडिडेट हो सकते थे, लेकिन उनकी सोच थी कि शायद इनका भाग्य प्रबल हो, जो वो चुनाव जीतकर आ जाएं. भाग्य भी राजनीति में बहुत बड़ी चुनौती है. "

क्या कुंडली दिखाने के बाद टिकट तय हुआ है ?

इस सवाल का जवाब देते हुए नरेंद्र पटेल ने कहा कि इस देश में धर्म की भावनाओं से ही जनता चलती है ,धर्म पहले आता है बाद में राजनीति आती है, ऐसा नहीं होना चाहिये. मैं कार्यकर्ता पर चलता हूं वे ही चुनाव जिताते हैं. कांग्रेस धर्म निरपेक्ष पार्टी है. "

नरेंद्र पटेल ने कहा कि वे मूलतः खुशमिज़ाज़ व्यक्ति हैं, इसलिए हर समय किसी की भी मदद को तत्पर रहते हैं. वे सभी के लिए सुलभ हैं इसलिए लोग पार्टी, जाति धर्म से ऊपर उठकर उन्हें स्नेह देते हैं और विश्वास करते हैं. वे भी लोगों का भरोसा बनाये रखने का यत्न करते है.
 

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