सहारा में फंसे लोगों के पैसे मिलेंगे वापस! सुप्रीम कोर्ट के कंपनी को दिए आदेश के बारे में समझें

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया पर नकेल कसते हुए निवेशकों को पैसा चुकाने के लिए संपत्ति बेचने का आदेश दिया.

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News Tak Desk

04 Sep 2024 (अपडेटेड: 04 Sep 2024, 09:07 PM)

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Sahara India: सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया(Sahara India) की कंपनियों में फंसे निवेशकों की गाढ़ी कमाई को लेकर सहारा समूह को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने में और देरी नहीं होनी चाहिए. कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि समूह अपनी संपत्ति बेचकर यह रकम वापस कर सकता है, और इस प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट के इस आदेश के बाद समूह की कंपनियों में फंसे निवेशकों की गाड़ी कमाई अब वापस मिलने के उम्मीद बढ़ गई है.

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सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

सुप्रीम कोर्ट में 03 सितंबर को हुई सुनवाई में जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सहारा समूह से कहा कि 5 सितंबर तक अपनी अचल, घरेलू और विदेशी संपत्तियों की बिक्री की योजना कोर्ट के सामने पेश की जाए. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि संपत्तियों की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं है, और इन्हें बेचकर इन्वेस्टर्स का फंसा हुआ पैसा लौटाया जा सकता है. हालांकि, संपत्तियों को सर्किल रेट से कम कीमत पर बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसी स्थिति में पहले कोर्ट से अनुमति लेना जरूरी होगा.

10 साल पुराना आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2012 में भी इस मामले में एक निर्देश दिया था, जिसमें कहा गया था कि सहारा ग्रुप की कंपनियां, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL), निवेशकों से जुटाई गई रकम को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाएं. लेकिन, 10 साल बीत जाने के बाद भी सहारा समूह ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया, जिससे कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है.

निवेशकों के फंसे पैसे

सहारा इंडिया के निवेशकों के पैसे सालों से फंसे हुए हैं और समूह के लगभग 13 करोड़ कस्टमर्स हैं. कुल मिलाकर इन्वेस्टर्स की 1 लाख करोड़ रुपए की रकम फंसी हुई है, जिसमें से 47 हजार करोड़ रुपये सहकारी समितियों में जमा हैं. 2022 में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया था कि सहारा इंडिया ने 2.32 करोड़ से ज्यादा निवेशकों से 19,400 करोड़ रुपये जुटाए थे, और सहारा हाउजिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने 75.14 लाख निवेशकों से 6,380.50 करोड़ रुपये जुटाए थे. उन्होंने बताया कि इनमें से सिर्फ 138.07 करोड़ रुपये ही निवेशकों को लौटाए गए थे.

निवेशकों को राहत की उम्मीद

सुप्रीम कोर्ट के संपत्ति बेचने के आदेश के बाद निवेशकों के पैसे वापस मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. लंबे समय से अपने पैसे फंसे होने के कारण परेशान इन्वेस्टर्स को अब सुप्रीम कोर्ट के इस कड़े रुख से राहत मिल सकती है. अब देखना यह है कि सहारा समूह कितनी तेजी से अपनी संपत्ति बेचकर इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाता है.

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