Internship Scheme: केंद्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में युवाओं के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है. उनमें से एक स्कीम है- युवाओं को इंटर्नशिप देना. वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि अगले पाँच साल में देश की 500 बड़ी कंपनियों में एक करोड़ इंटर्न को काम दिया जाएगा. इन कंपनियों में अभी 70 लाख कर्मचारी हैं. इस हिसाब से हर साल 15-20 लाख इंटर्न रखने पड़ेंगे. सवाल है कि क्या इन कंपनियों में इतने लोगों को काम देने की क्षमता है? इस बार के हिसाब-किताब में TAK चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने इंटर्नशिप स्कीम का हिसाब-किताब किया हैं. आइए समझते हैं इस स्कीम के बारे में.
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स्कीम क्या है?
केंद्र सरकार 500 बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी. इंटर्नशिप 12 महीने चलेगी. हर महीने इंटर्न को सरकार ₹5 हज़ार देगी. इसके अलावा ₹6 हज़ार का एक मुश्त पेमेंट होगा. कंपनी को 10% यानी ₹6 हज़ार खर्च करने होंगे. यह रकम वो CSR यानी सामाजिक कार्यों के लिए खर्च में भी डाल सकतीं हैं. कंपनी को इंटर्न को काम का अनुभव और ट्रेनिंग देनी होगी. स्कीम के पीछे सोच है कि युवाओं को कैरियर की शुरुआत में काम का अनुभव मिल जाए.
किसे मिलेगी इंटर्नशिप?
सरकार ने अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है, लेकिन अख़बारों में छपी ख़बरों से पता चलता है कि 21-24 साल के युवा इसका लाभ ले सकते हैं. शर्त होगी कि वो IIT, IIM जैसे बड़े इंस्टीट्यूट में ना पढ़े हो. उनके माता-पिता सरकारी नौकरी में ना हो, ना ही इनकम टैक्स चुकाते हो. केंद्रीय वित्त सचिव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हम निगेटिव लिस्ट बनाएंगे कि कौन पात्र नहीं हैं.ये लिस्ट कंपनियों को दी जाएगी. इसमें से वो इंटर्न रख सकेंगे.
कंपनियां क्या करेंगी?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि स्कीम अनिवार्य नहीं है. सवाल है कि अनिवार्य कर भी दिया गया तो क्या कंपनियों में इतनी क्षमता है . इन आंकड़ों पर नजर डालिए-
- Hurun India Report के मुताबिक 500 बड़ी कंपनियों में 74 लाख कर्मचारी हैं.
- 139 कंपनियों में ही 10 हज़ार से ज़्यादा कर्मचारी हैं.
- पहले दो साल में 30 लाख इंटर्न रखे जाने हैं यानी हर कंपनी को औसतन 3600 इंटर्न. बाकी 70 लाख इंटर्न 3 साल में
- अदाणी पॉवर और टाटा कंज्यूमर देश की 100 बड़ी कंपनी में है लेकिन इनके पास कर्मचारियों की संख्या है 3-3 हज़ार
- 500 में कुछ कंपनी होंगी जिन्हें अपने कुल कर्मचारियों के बराबर इंटर्न रखने होंगे.
- सरकार कंपनियों को पैसे दे रही है तब भी क्या इतने लोगों के लिए काम का इंतजाम हो सकता है? कंपनियों में काम करने की एक स्कीम पहले से चल रही है जो कामयाब नहीं है.
1961 में Apprentice कानून बना था. कंपनियों को अपनी कर्मचारियों की संख्या का 2.5% -15% Apprentice रखने पड़ते हैं. यह कानून 30 से ज़्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान पर लागू होता है. इकनॉमिक सर्वे के अनुसार 2.21 लाख संस्थानों में से सिर्फ़ 47 हज़ार में ही इसका पालन हो रहा है. 2016-17 से 2021-2022 तक 16 लाख Apprentice बनें लेकिन आधे से भी कम ने ट्रेनिंग पूरी की. सोचिए 6 साल में 16 लाख Apprentice बने हैं तो पाँच साल में एक करोड़ इंटर्न कैसे बनेंगे?
यहां पूरा वीडियो देख सकते हैं.
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