Rajasthan Cabinet Meeting: राजस्थान की कैबिनेट बैठक बुधवार शाम 7 बजे होगी. मंत्रिमंडल की ये बैठक कई मायनों में खास रहने वाली है. कयास इस बात को लेकर लगाए जा रहे हैं कि गहलोत की कैबिनेट मीटिंग में नए जिले और संभाग के गठन पर मुहर लग सकती है.
ADVERTISEMENT
ऐसा हुआ तो कांग्रेस के भीतर उठ रही मांगों को शांत करने के साथ ही चुनावी साल में बीजेपी को भी चुनौती होगी. हालांकि इसे लेकर पिछले कुछ महीनों से मांग तेज हुई है. जिसके बाद उम्मीद तो यह भी की जा रही थी कि इसी बजट घोषणा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसका ऐलान कर देंगे. बरहाल कैबिनेट बैठक में एक बार फिर इसके आसार नजर आ रहे है.
गौरतलब है कि प्रदेश में 7 जिले और 3 नए संभाग गठित होने को लेकर चर्चा आम है. जिसके लिए सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. रामलुभाया की अध्यक्षता में कमेटी भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुकी है. जिसे 6 महीने में रिपोर्ट देनी थी. लेकिन सितंबर में कमेटी का कार्यकाल पूरा हो गया. जिसे मार्च-2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया.
प्रदेश में कुल 33 जिलों में आखिरी जिला प्रतापगढ़ 2008 में वसुंधरा सरकार के समय गठित हुआ था. तब से अब तक राजस्थान में कई मौके पर नए जिले और संभाग को लेकर मांग उठती आई है. बजट सत्र से पहले जिला बनाने की इस मांग ने फिर जोर पकड़ लिया था. तब कोटपूतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, ब्यावर और भिवाड़ी का नाम प्रमुख नाम तौर पर सामने आया.
बालोतरा की मांग को लेकर हरीश चौधरी दिखा चुके तेवर
दूसरी ओर सीकर के नीमकाथाना को जिला बनाने के लिए कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी अपना पूरा दमखम लगाए हुए हैं. कोटपुतली को भी जयपुर से अलग जिला बनाने की मांग लगातार बनी है. जबकि बालोतरा को जिला बनाने की मांग को लेकर स्थानीय कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत तो जूते-चप्पल ही त्याग चुके हैं. उनकी मांग है कि जब तक जिला नहीं बन जाता, तब तक वह बिना जूते-चप्पल के ही घूमेंगे. बालोतरा के जिला गठन के समर्थन में पंजाब कांग्रेस प्रभारी और बायतु विधायक हरीश चौधरी भी सुर तेज किए हुए हैं. उन्होंने तो बालोतरा को जिला बनाने के साथ-साथ बाड़मेर को संभाग मुख्यालय बनाने की पैरवी की थी.
ADVERTISEMENT