Rajasthan: SDM थप्पड़कांड मामले में नरेश मीणा की जमानत याचिका खारिज, एक महीने से जेल में हैं बंद

Rajasthan: राजस्थान के उनियारा एसीजेएम कोर्ट ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. यह फैसला शुक्रवार को न्यायाधीश सुरभि सिंह ने सुनाया.

SDM को थप्पड़ मारते नरेश मीणा.

SDM को थप्पड़ मारते नरेश मीणा.

News Tak Desk

• 11:11 AM • 14 Dec 2024

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Rajasthan: राजस्थान के उनियारा एसीजेएम कोर्ट ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. यह फैसला शुक्रवार को न्यायाधीश सुरभि सिंह ने सुनाया. नरेश मीणा पर देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम अमित चौधरी से मारपीट, राजकार्य में बाधा डालने, आगजनी और हिरासत से भागने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.  

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क्या है मामला?

13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के निवासियों ने प्रशासन पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया था. इस बीच, निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने प्रशासन के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया. इस घटना के बाद गांव में हिंसा भड़क उठी और आगजनी की घटनाएं हुईं.  

चार गंभीर मामले दर्ज

नरेश मीणा पर एसडीएम से मारपीट के अलावा राजकार्य में बाधा डालने, आगजनी करने और पुलिस को चकमा देकर हिरासत से भागने के मामले दर्ज किए गए हैं. अभियोजन पक्ष के अनुसार, नरेश मीणा की जमानत याचिका को भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के तहत खारिज कर दिया गया. एसडीएम अमित चौधरी ने 13 नवंबर को नगरफोर्ट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें उनके साथ मारपीट और हिंसा का जिक्र था.  

मतदान के दौरान विवाद की शुरुआत

देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करते हुए अपने गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग की थी. इसी विवाद के दौरान, नरेश मीणा ने प्रशासन पर मतदाताओं को जबरन मतदान के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया और एसडीएम पर हमला कर दिया. इस घटना के बाद हालात इतने बिगड़े कि गांव में आगजनी की घटनाएं सामने आईं.  

जमानत याचिका खारिज होने से समर्थकों को झटका

घटना के बाद से नरेश मीणा सलाखों के पीछे हैं. 13 नवंबर से अब तक एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज होने से न केवल नरेश मीणा को, बल्कि उनके समर्थकों को भी बड़ा झटका लगा है. इस फैसले के बाद मीणा समर्थक निराश नजर आ रहे हैं. 

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