Udaipur: किडनैपर के जाल में फंसा राजस्थानी युवक, जॉब के लिए गया था दुबई, रेल मंत्री ने इस तरीके से बचाया

Rajasthan: राजस्थान के उदयपुर (Udaipur News) का रहने वाला एक युवक दुबई (Dubai) में एक गिरोह के झांसे में आ गया. इसके बाद गिरोह द्वारा लगातार परिजनों से फिरौती की मांग की जा रही थी. लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs India) की मदद से पीड़ित युवक वापस सकुशल अपने घर लौट […]

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Satish Sharma

07 Oct 2023 (अपडेटेड: 07 Oct 2023, 05:05 AM)

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Rajasthan: राजस्थान के उदयपुर (Udaipur News) का रहने वाला एक युवक दुबई (Dubai) में एक गिरोह के झांसे में आ गया. इसके बाद गिरोह द्वारा लगातार परिजनों से फिरौती की मांग की जा रही थी. लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs India) की मदद से पीड़ित युवक वापस सकुशल अपने घर लौट आया है. यह वाकया उदयपुर के वल्लभनगर में सियाखेड़ी गांव (Siyakheri Village) के रहने वाले युवक पवनदास वैष्णव के साथ हुआ.

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दरअसल, पवन रोजगार के लिए दुबई गया था, लेकिन वहां उसे काम का झांसा देकर एक गिरोह ने किडनैप कर लिया. इसके बाद पवन के उदयपुर स्थित घर पर फोन कर 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई. फिरौती के रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर नहीं करने पर पवन को जान से मारने की धमकी दी गई. पवन ने तो उसके देश और घर लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन पवन के परिजन और भाई जगदीश वैष्णव ने सांसद सीपी जोशी के माध्यम से रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव तक गुहार लगाई.

रेल मंत्री ने लिया संज्ञान

रेलवे मिनिस्टर ने मामले को गंभीरता से लिया और दूतावास में इसकी सूचना दी. दूतावास ने पवन के भाई से पूरे मामले की जानकारी ली और दुबई के दूतावास से संपर्क किया. दुबई का दूतावास भी एक्टिव हुआ और पवन की तलाश शुरू की गयी. यह सूचना जैसे ही पवन का अपहरण करने वाले गिरोह तक पहुंची तो वे घबरा गए और 4 अक्टूबर की शाम पवन को एयरपोर्ट से करीब आधा किलोमीटर दूर सड़क पर छोड़कर फरार हो गए.

जबरन छीन लिया वीजा-पासपोर्ट

युवक के भाई जगदीश वैष्णव ने बताया कि कुछ परिचित दुबई में काम करते हैं. पवन उन्हीं लोगों से बात कर 15 जुलाई को दुबई गया था. वहां उसने परिचितों की मदद से कुछ छोटा-मोटा काम किया, लेकिन कोई अच्छा रोजगार उसे नहीं मिल पा रहा था. वह काम की तलाश कर ही रहा था, इसी दौरान वह दुबई में श्रीलंका के एक नागरिक के संपर्क में आया. उसने पवन को काम दिलवाने का भरोसा दिया. उस व्यक्ति ने पवन को कुछ अनजान लोगों के साथ कार में काम की जगह भेज दिया. पवन जहां पहुंचा, वह दुबई में बेहद सुनसान इलाके में बना एक विला था. पवन को बताया गया कि उसे वहीं रहकर ऑनलाइन मार्केटिंग काम करना है. उन लोगों ने पवन का वीजा-पासपोर्ट भी जबरन ले लिए.

पहले 7 लाख फिर रखी 15 लाख की डिमांड

पवन को वह काम सही नहीं लग रहा था. इस पर पवन ने वहां से निकलने के बारे में सोचा तो वहां के लोगों ने पवन के साथ गंभीर मारपीट की और बंधक बना लिया. पवन के भाई जगदीश ने आगे बताया कि 21 सितंबर को पवन का मेरे पास फोन आया कि मैं यहां फंस गया हूं, 7 लाख रुपए का इंतजाम कर लो. करीब एक घंटे बाद पवन के ही मोबाइल नंबर से फिर फोन आया, तब पवन के बजाए कोई और बोल रहा था. उस व्यक्ति ने धमकी दी कि 10 लाख 96 हजार रुपए ट्रांसफर कर दो, नहीं तो इसे मार देंगे. यह सुनकर घरवाले काफी घबरा गए. अगले दिन गिरोह को फिर फोन आया और इस बार राशि बढ़ाकर 15 लाख कर दी और बोले कि यह राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करो और अभी इसे यहीं काम करना होगा.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के हस्तक्षेप से सकुशल लौट सका पवन

पवन के भाई जगदीश ने बताया जब मेरे पास फोन आया तो हम घबरा गए, हमने स्थानीय प्रशासन और पुलिस से सहयोग मांगा, लेकिन कहीं से कोई समाधान नहीं निकल रहा था. इस दौरान हमने सांसद सीपी जोशी और राज्यमंत्री कैलाश चौधरी से संपर्क किया. उन्होंने हमारी मदद की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी मेल के जरिए मंगवाई. अगले दिन रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने मामले में संज्ञान लेते हुए हमने डिटेल में बात की और हमें भरोसा दिलाया कि वे पवन की सलामती का भरोसा दिलाया.

ऐसे शुरू हुई बचाने की कोशिश

अगले दिन ही हम दिल्ली गए और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यालय जाकर पूरे घटनाक्रम सहित हमारे पास उपलब्ध हर जानकारी उनको लिखित में दी. उनके कार्यालय से जानकारी दूतावास भेजी गई. जिस पर दूतावास ने हमसे संपर्क किया और दुबई में दूतावास को पूरे मामले की जानकारी दी. जगदीश ने कहा संभव है कि दुबई में पवन को तलाश करने के प्रयास शुरू हो गए थे, जिसकी भनक उन बदमाशों को लग गयी और वे पवन को दुबई के एयरपोर्ट से करीब आधा किलोमीटर दूर सड़क पर छोड़कर फरार हो गए.

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