मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित असीरगढ़ किले में मौजूद शिव मंदिर, अपनी रहस्यमयी कहानियों और अलौकिक घटनाओं के लिए जाना जाता है. और ऐसा माना जाता है कि यहाँ अश्वत्थामा, महाभारत के महान योद्धा, आज भी भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस मंदिर को अश्वत्थामा का पूजा स्थल भी बताया जाता है. यह मंदिर अपनी अलौकिक घटनाओं के लिए भी जाना जाता है. कई लोगों का दावा है कि उन्होंने मंदिर में चमत्कार होते हुए भी देखे हैं.
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यहां सबसे पहले भोलेनाथ की पूजा करते हैं अश्वत्थामा
ऐसा माना जाता है कि असीरगढ़ किले के शिव मंदिर में अश्वत्थामा ब्रह्म मुहूर्त में सबसे पहले भगवान शिव की पूजा करने जाते हैं. यहां के पुजारियों का मानना है कि सुबह मंदिर में पट खुलने से पहले ही वे भोलेनाथ की पूजा करके चले जाते हैं. शिवलिंग पर हर सुबह ताजा फूल और गुलाल चढ़ा हुआ मिलता है. आसपास रह रहे लोगों का कहना है कि किले में स्थित तालाब में स्नान करके अश्वत्थामा शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने जाते हैं.
कभी नहीं सूखता है तालाब का पानी
आश्चर्य की बात यह है कि यहां पहाड़ की चोटी पर बने इस किले का तालाब तपती गर्मी में भी नहीं सूखता है. कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने मंदिर परिसर में भगवान शिव और अश्वत्थामा को घूमते हुए देखा है. जो लोग रहस्य और अध्यात्म में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह मंदिर अवश्य एक दर्शनीय स्थल है.
हर साल निकलती है कांवड़ यात्रा
यहां सावन के महीने में हर साल ताप्ती नदी का जल लेकर बुरहानपुर से असीरगढ़ तक कावड़ यात्रा निकाली जाती है. असीरगढ़ किले में स्थित शिवलिंग का पूजन और अभिषेक किया जाता है. सावन के महीने में बड़ी संख्या में शिवभक्त यहां पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं.
मंदिर में मौजूद है रहस्यमयी गुफा
गुप्तेश्वर महादेव के मंदिर के ठीक पीछे एक गुफा मौजूद है. इस गुफा का क्या रहस्य है, यह आज तक कोई नहीं जान सका है. दावा किया जाता है कि इसी गुफा से होकर हर रोज अश्वत्थामा मंदिर में पूजा करने आते हैं और इसी गुफा से वह वापस लौट जाते हैं. कोई व्यक्ति गुफा में गुम ना हो जाए, इस वजह गुफा के दरवाजे को बंद ही रखा जाता है.
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