दिल्ली और पंजाब में चुनाव से पहले अरविन्द केजरीवाल के जेल से बाहर आने का क्या होगा असर? समझिए

अभिषेक

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Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पिछले 21 मार्च से ही पहले ED की हिरासत फिर तिहाड़ जेल में थे. उनपर दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. कोर्ट में ED ने उन्हें इस घोटाले का सरगना बताया था. इस बीच देश में लोकसभा का चुनाव चल रहा है. आम आदमी पार्टी(AAP) के सुप्रीमो होने के नाते केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रचार के लिए कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने तो इसे रिजेक्ट कर दिया फिर मामला सुप्रीम कोर्ट(SC)में गया. SC में कई दौर की सुनवाई के बाद बीते दिन यानी 10 मई को आखिरकार उन्हें 21 दिनों के लिए अंतरिम जमानत मिल गई. SC ने उन्हें सिर्फ चुनाव प्रचार करने की शर्त पर जमानत दी है यानी केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर कोई काम नहीं कर सकते. 

इतने जद्दोजहद के बाद आखिरकार केजरीवाल जेल से बाहर आ ही गए. हालांकि सबकी नजर अब इस बात पर है कि, सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के तीन चरण समाप्त होने के बाद उनके जेल से निकलने का क्या बदलाव होगा? आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं केजरीवाल के जेल से निकलने का क्या होगा सियासी असर.  

पहले जानिए AAP कितनी सीटों पर लड़ रही है चुनाव 

देश में लोकसभा की 543 सीटें है. आम आदमी पार्टी का प्रभाव दिल्ली और उसके आसपास के राज्यों में ही है. पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जिसमें पहले चरण के चुनाव में असम में 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, वहीं तीसरे चरण के चुनाव में पार्टी गुजरात में 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. इन दोनों चरण की 4 सीटों पर AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार नहीं कर पाए. अभी 18 सीटों पर चुनाव बाकी है. वैसे उनकी अनुपस्थिति में जमानत पर रिहा हुए पार्टी के प्रमुख नेता संजय सिंह प्रचार की कमान संभाले हुए थे. लेकिन अब केजरीवाल के आने के बाद से पूरा चुनाव मजेदार हो गया है. 

दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में केजरीवाल दिखाएंगे दम 

AAP दिल्ली की 4 लोकसभा सीटों, पंजाब की 13 सीटों और हरियाणा की एक सीट कुरुक्षेत्र में चुनाव लड़ रही है. दिल्ली और हरियाणा में छठे चरण में 25 मई को वहीं पंजाब में सातवें चरण में 1 जून को वोटिंग होना है. अरविन्द केजरीवाल पूरा फोकस इन्हीं राज्यों पर होगा. दिल्ली और पंजाब में तो AAP की सरकार भी है. पार्टी दिल्ली में INDIA अलायंस के तहत कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. वहीं दोनों पार्टियों ने पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पार्टी ने पूर्व राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता को कुरुक्षेत्र से मैदान में उतारा है. 

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अरविन्द केजरीवाल के जेल से निकलने के बाद दिल्ली और पंजाब का चुनाव दिलचस्प हो गया है. चुनाव में केजरीवाल के प्रचार से चुनाव में कुछ भी सकता है. सत्तारूढ़ बीजेपी जहां दिल्ली की सभी सीटों पर जीत और पंजाब में बेहतर प्रदर्शन करने की बात कर रही है. केजरीवाल का जेल से बाहर आना उसके राह में रोड़े की तरह है. मुख्यमंत्री रहते हुए केजरीवाल को जेल में बंद करना, पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को बिना आरोप सिद्ध किए हुए सालों से जेल में रखना और केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग ये वो सभी बातें है जो AAP के लिए फायदेमंद और बीजेपी के नुकसान पहुंचाने वाली है. 

हालांकि इन सभी बातों के बीच पीएम मोदी और बीजेपी ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है. इस चुनाव में केजरीवाल के सामने दिल्ली में ये चुनौती हैं कि, वो लोकसभा में अपना खाता खोल पाते हैं या नहीं. क्योंकि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में वो लगातार दो बार से बंपर बहुमत के साथ सरकार बना रहे है लेकिन लोकसभा में उनके हाथ खाली ही रहे है. 

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