बिहार में कृषि विभाग देगा बेबी और स्वीट कॉर्न की खेती को तकनीकी व बाजार सहायता

Bihar News: बिहार कृषि विभाग राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती को प्रोत्साहित कर रहा है.

NewsTak
AI इमेज

NewsTak

follow google news

Bihar News: कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने आज कृषि भवन, पटना में मुजफ्फरपुर जिले के लक्ष्मण नगर निवासी प्रगतिशील किसान श्री उमा शंकर सिंह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने श्री सिंह की खेती से जुड़ी नवाचारपूर्ण उपलब्धियों की सराहना की और विभाग की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया.

Read more!

किसानों को भा रही स्वीट और बेबी कॉर्न की खेती

श्री उमा शंकर सिंह, जो लगभग 10 एकड़ भूमि पर खेती करते हैं, उन्होंने पारंपरिक खेती से हटकर केले, हल्दी, स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न फसलों की खेती शुरू की है. इन प्रयासों से उन्हें बेहतर आमदनी प्राप्त हो रही है और वे क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. इस अवसर पर सचिव कृषि श्री अग्रवाल ने कहा कि ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करना विभाग की  प्राथमिकता है. कृषि में विविधीकरण और मूल्य वर्धित फसलों की ओर बढ़ने से किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है. श्री उमा शंकर जैसे किसान राज्य के कृषि परिदृश्य को सकारात्मक दिशा में ले जा रहे हैं.

स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती को दिया जायेगा प्रोत्साहन

सचिव कृषि ने बताया कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत उच्च मूल्य फसलों की खेती के लिए 75 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. गरमा मौसम के लिए फिलहाल बीज अनुदान की दर बेबी कॉर्न के लिए 50 प्रतिशत या 500 रू प्रति किलोग्राम, तथा स्वीट कॉर्न के लिए 50 प्रतिशत या 1500 रू प्रति किलोग्राम निर्धारित है. विभिन्न जिलों में किसान इन फसलों की ओर आकर्षित हो रहे है. किसानों की बढ़ती रूची को देखते हुए विभाग इन फसलों के लिए तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ने पर बल दे रहा है.

श्री अग्रवाल ने बताया कि राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और किसानों को मूल्यवर्धित कृषि की ओर प्रेरित करना विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है. इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में स्थायित्व और नवाचार को भी बल मिलेगा. कृषि विभाग भविष्य में भी ऐसे नवाचारों को प्रोत्साहित करता रहेगा और किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने का कार्य करता रहेगा.

    follow google news