Bihar Election 2025: बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अलावरू इन दिनों विवादों में घिरे हैं. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कांग्रेस के कार्यकर्ता उन्हें घेरकर टिकट बंटवारे के गलत तरीके पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
ADVERTISEMENT
क्या है पूरा मामला?
वायरल वीडियो में कांग्रेस के कार्यकर्ता अलावरू के सामने जोरदार तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं. उनका आरोप है कि पार्टी ने उन लोगों को टिकट दिए, जिनका संबंध 'संघ' से है.
एक कार्यकर्ता ने वीडियो में साफ तौर पर कहा, "गलत हुआ. संघ के लोगों को आपने बुलाकर टिकट दिया है. बिहार कांग्रेस ने दलित की बात की, हिस्सेदारी की बात की और सब संघ के लोगों को जॉइन कराकर आपने टिकट दिया है. यह गलत है."
'राहुल गांधी के एजेंडे को किया ध्वस्त'
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने पार्टी के लिए जी-जान लगाया और एक अच्छा नरेटिव (Narrative) बनाने की कोशिश की, लेकिन गलत टिकट बंटवारे से सब खराब हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी जिस 'मशाल' (दलितों, पिछड़ों की हिस्सेदारी) को लेकर आगे चले हैं, उसे ध्वस्त करने का काम किया गया है.
एक अन्य शख्स ने कहा, "राहुल गांधी जी दलितों, पिछड़ों की बात करते हैं और आपने सारे टिकट संघ के लोगों को दे दिए. हम इसका विरोध करते हैं." विरोध में कार्यकर्ताओं ने "टिकट चोर, गद्दी छोड़" के नारे भी लगाए.
अशोक गहलोत की एंट्री क्यों?
इस पूरे बवाल के बीच कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को बिहार भेजा है. जानकारों का मानना है कि गहलोत को भेजने के पीछे कई बड़ी वजहें हैं. गहलोत, कृष्णा अलावरू के मुकाबले काफी अनुभवी और बड़े नेता हैं. उनके राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से भी अच्छे संबंध हैं.
बागी नेताओं को आश्वासन देने के लिए उनका नाम फिट बैठता है. जैसे, एमएलसी या बोर्ड में जगह का वादा. दिल्ली से प्रेस कॉन्फ्रेंस में अल्लावरू पर टिकट बेचने के आरोप लगे थे. गहलोत जैसे सीनियर नेता पर भरोसा ज्यादा है.
ADVERTISEMENT

