बिहार में इस साल किसानों पर मौसम की मार पड़ी है. एक ओर राज्य में ज्यादा बारिश के कारण आए बाढ़ ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया, तो दूसरी ओर अक्टूबर के महीने में तूफान मोन्था ने बची कुची कसर को भी पूरी कर दी. मौसम के अचानक बदले इस तेवर ने राज्य के 12 जिलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. किसानों की इसी नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत उन्हें सहायता देने का फैसला लिया. कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने भी कमान संभालते ही इस बात को भी ध्यान में रखा था. इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने फिर एक बड़ा कदम उठाया है और आवेदन करने की तारीख तो 2 दिसंबर से बढ़ाकर 5 दिसंबर 2025 कर दिया है. आइए विस्तार से समझते हैं पूरी बात.
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फसलों का सर्वेक्षण का काम पहले ही हो चुका
बिहार के नए कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने बताया था कि अक्टूबर के महीने में हुई अत्याधिक बारिश, बाढ़ और मोन्या तूफान ने राज्य के 12 जिलों के फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इसके लिए फसलों के सर्वेक्षण का काम भी पहले ही पूरा कर लिया गया है ताकि किसानों को सहायता राशि दी जा सकें. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस आपदा से प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता देना बिहार सरकार की प्राथमिकता है.
बढ़ाई गई आवेदन करने की तारीख
पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को 2 दिसंबर 2025 तक आवेदन करना था. लेकिन सरकार ने किसानों को एक बड़ी राहत देते हुए इसकी तारीख आगे बढ़ा दी है. बिहार के कृषि विभाग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट करते जानकारी दी कि, 'माह अक्टूबर 2025 में अतिवृष्टि से आई बाढ़ और मोन्था तूफान से प्रभावित 12 जिलों के 39 प्रखंड़ों के 397 पंचायतों में क्षतिग्रस्त फसलों के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए डी० बी० टी० पोर्टल पर आवेदन की अंतिम तिथि 02 दिसम्बर 2025 से बढ़ाकर 05 दिसम्बर 2025 किया जाता है.'
यहां देखें पोस्ट
किन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ?
कृषि मंत्री ने बताया कि बारिश से आई बाढ़ और मोन्था तूफान ने 12 जिलों को प्रभावित किया है. इनमें कैमूर, मधुबनी, किशनगंज, गया जी, भोजपुर, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और सुपौल जिले शामिल है.
कितनी मिलेगी अनुदान राशि?
इस योजना के तहत अलग-अलग कैटेगरी में अलग-अलग अनुदान राशि दी जाएगी.
- असिंचित/वर्षाश्रित फसल- 8500 प्रति हेक्टेयर
- सिंचित फसल- 17000 प्रति हेक्टेयर
- शाश्वत/बहुवर्षीय फसल(गन्ना सहित)- 225000 प्रति हेक्टेयर
कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत उन सभी रैयत और गैर-रैयत किसानों को भी अनुदान दिया जाएगा, जिनकी फसलें 33 प्रतिशत से अधिक बर्बाद हुई है.
कैसे करें आवेदन?
इस सहायता राशि का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए उन्हें आधिकारिक वेबसाइट https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाना होगा. यहां जाकर जरूरी दस्तावेज जैसे आधार-लिंक्ड बैंक अकाउंट, भूमि दस्तावेज, LPC या स्वधारणा प्रमाण-पत्र से फॉर्म भरना होगा. साथ ही ध्यान दें इस योजना के लिए परिवार से एक ही सदस्य आवेदन कर सकता है.
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