बिहार में विद्यार्थियों को उन्नत शिक्षा उपलब्ध करने के लिए शुरू की जा रही मुख्यमंत्री डिजिटल लाइब्रेरी के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 400 से 500 वर्गफीट का स्थल चयन करने का निर्देश बुधवार को जारी किया है. डॉ. सिद्धार्थ ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि इसके लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन प्रखंड संसाधन केंद्र (बीआरसी) सबसे अनुकूल स्थल है.
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि यदि बीआरसी में 400 से 500 वर्गफीट का स्थल उपलब्ध नहीं हो तब किसी अन्य उपयुक्त स्थल का चयन कर इसकी सूचना विभाग को अतिशीघ्र उपलब्ध कराया जाए. डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से छात्र व छात्राएं जेईई, नीट व क्लैट आदि परीक्षाओं की तैयारी ऑनलाइन कर सकेंगे. इस योजना का क्रियान्वयन बिहार स्टेट इलेक्ट्रोनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा किया जा रहा है.
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उल्लेखनीय है कि बिहार के विद्यार्थियों की उन्नत शिक्षा के लिए डिजिटल तकनीक के माध्यम लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डिजिटल लाइब्रेरी योजना की शुरुआत की जा रही है. डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में छात्र व छात्राओं को डिजिटल अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके लिए सूचना प्रावैधिकी विभाग द्वारा कुल 94, करोड़, 50 लाख, 47 हजार रूपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है. हालांकि शिक्षा विभाग ने डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों को छह अन्य विकल्प भी दिए हैं.
इन विकल्पों में पंचायत भवन, प्रखंड कार्यालय परिसर, नगर परिषद भवन या नगर पंचायत भवन, विकास भवन, कम्युनिटी लाइब्रेरी और सरकारी स्कूल या कॉलेज, जहां डिजिटल लाइब्रेरी के लिए अतिरिक्त कक्ष उपलब्ध हो, शामिल है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी डिजिटल लाइब्रेरी के लिए दस कम्प्यूटर टर्मिनल, बिजली और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. जबकि राजधानी पटना के राज्य स्तरीय मॉडल लाइब्रेरी केंद्रों में 60 और सभी क्षेत्रीय मॉडल लाइब्रेरी में 50 कम्प्यूटर की व्यवस्था उपलब्ध होगी.
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