Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी शुरू हो चुकी है. चार से साढ़े चार महीने बाद होने वाले इस महासंग्राम में सवाल यही है कि बिहार की सत्ता का ताज किसके सिर सजेगा? सी वोटर के ताजा सर्वे ने नेताओं की लोकप्रियता का नया आंकड़ा पेश किया है, जिसमें तेजस्वी यादव अभी भी सबसे आगे हैं, लेकिन प्रशांत किशोर और चिराग पासवान की बढ़ती लोकप्रियता ने सियासी समीकरण को और रोचक बना दिया है. आइए, इस सर्वे के नतीजों को आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि बिहार की जनता का मूड क्या कहता है.
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तेजस्वी यादव टॉप पर लेकिन ग्राफ में गिरावट
सी वोटर के जून 2025 के सर्वे के अनुसार, तेजस्वी यादव 35% लोगों की पसंद के साथ मुख्यमंत्री की रेस में पहले स्थान पर हैं. हालांकि, फरवरी में उनकी लोकप्रियता 41% थी, जो अप्रैल में 36% और अब जून में 35% पर आ गई. इस 6% की गिरावट ने तेजस्वी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है.
बिहार तक को दिए इंटरव्यू में तेजस्वी ने कहा, "सर्वे अपनी जगह हैं, मेरा भरोसा मेरे काम पर है. 2020 में भी हम सबसे बड़ी पार्टी बने थे. हमने 17 महीने की सरकार में 5 लाख नौकरियां दीं, साढ़े तीन लाख नौकरियां प्रक्रियाधीन हैं. बेरोजगारी का मुद्दा हमने उठाया और जनता का समर्थन मिला." तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मौजूदा सरकार में पेपर लीक आम हो गया है. नौजवान सड़कों पर उतरते हैं तो लाठियां खाते हैं. जनता बदलाव चाहती है."
नीतीश कुमार पर थकान का असर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. फरवरी में 18% लोग उन्हें सीएम के तौर पर पसंद करते थे, अप्रैल में यह 15% तक गिरा, और जून में फिर 17% पर पहुंचा. इस मुद्दे पर हमने सी वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख से बातचीत की. यशवंत देशमुख का कहना हैं, "नीतीश के खिलाफ थकान और एंटी-इनकंबेंसी साफ है, लेकिन उनका वोट तेजस्वी की ओर नहीं, बल्कि एनडीए के सहयोगियों की तरफ जा रहा है."
तेजस्वी ने भी नीतीश पर तंज कसते हुए कहा, "नीतीश जी थक चुके हैं. उनकी सरकार रिटायर्ड अफसरों के भरोसे चल रही है. लोग अब लूट से तंग आ चुके हैं."
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प्रशांत किशोर का बढ़ा ग्राफ
चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर इस सर्वे में दूसरे नंबर पर उभरे हैं. उनकी लोकप्रियता फरवरी में 15% से बढ़कर जून में 18% हो गई है. यशवंत देशमुख ने कहा, "प्रशांत किशोर का मोमेंटम बढ़ रहा है. उनकी लोकप्रियता नीतीश को भी पीछे छोड़ रही है. हालांकि, उनकी पार्टी जन सुराज के लिए इस लोकप्रियता को वोटों में बदलना चुनौती है."
प्रशांत की बढ़ती साख ने बिहार में तीसरे ध्रुव की संभावना को जन्म दिया है. साथ ही इस बढ़ती लोकप्रियता के कारण प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री की रेस में जनता की दूसरी पसंद भी बन गए है.
चिराग पासवान बने उभरता सितारा
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान की लोकप्रियता में शानदार उछाल आया है. फरवरी में केवल 4% लोग उन्हें पसंद करते थे, जो अप्रैल में 6% और जून में 10% हो गया. यशवंत देशमुख कहते हैं, "चिराग की लोकप्रियता एनडीए को मजबूती दे रही है. उनका वोट बैंक सत्ताधारी गठबंधन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है."
सम्राट चौधरी की लोकप्रियता में कमी
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव देखा गया. फरवरी में 8% लोग उन्हें पसंद करते थे, अप्रैल में यह 13% तक पहुंचा, लेकिन जून में फिर 10% पर आ गया. एनडीए के भीतर नेतृत्व और सीट बंटवारे की खींचतान उनकी लोकप्रियता पर असर डाल सकती है.
त्रिकोणीय मुकाबला या पुराना खेल?
सी वोटर का सर्वे बताता है कि तेजस्वी भले ही नंबर वन हों, लेकिन उनकी लोकप्रियता वोटों में नहीं बदल रही. यशवंत देशमुख के मुताबिक, "तेजस्वी की लोकप्रियता सत्य है, लेकिन अर्धसत्य. एनडीए के नेताओं (नीतीश, चिराग, सम्राट) की संयुक्त लोकप्रियता उनसे ज्यादा है." तेजस्वी ने 2020 का जिक्र करते हुए कहा, "हमारी सरकार बनने वाली थी, लेकिन कुछ सीटों पर जबरन हार दी गई. इस बार जनता हमारे साथ है."
जनता का मूड और भविष्य
सर्वे से साफ है कि नीतीश सरकार के खिलाफ नाराजगी है, लेकिन यह नाराजगी तेजस्वी के खाते में नहीं जा रही. प्रशांत किशोर और चिराग पासवान की बढ़ती लोकप्रियता ने सियासत को त्रिकोणीय जंग की ओर धकेल दिया है. क्या प्रशांत किशोर तीसरी ताकत बनकर उभरेंगे, या यह फिर से एनडीए बनाम महागठबंधन का मुकाबला होगा? इसका जवाब जनता जल्द देगी.
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