बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फेज में हुई वोटिंग एक चर्चा का विषय बना हुआ है. 18 जिलों के 121 विधानसभा सीटों पर 64.69 प्रतिशत वोटिंग के बाद लगातार यह सवाल उठ रहा है कि बढ़ा हुआ वोटिंग प्रतिशत एनडीए, महागठबंधन या जन सुराज किसको फायदा पहुंचाएगा. इसी बीच राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बिहार में 60% से ज्यादा जनता बदलाव चाहती है और जन सुराज आने से उन्हें एक नया विकल्प मिल गया है.
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जनता के लिए जन सुराज नया विकल्प
पहले चरण के वोटिंग के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि, बिहार में 60% से ज्यादा जनता बदलाव चाहती है और पिछले 25-30 साल से उनके पास विकल्प नहीं था. अब जन सुराज के आने से उनको एक नया विकल्प मिला है और बढ़ा हुआ जो वोटिंग परसेंटेज है वह दो बातों को दिखाता है.
पहला लोगों में एक नए विकल्प को देखकर उत्साह रहा है और बड़े पैमाने पर वोटिंग हुई है. दूसरी बात जो बड़े प्रवासी मजदूर हैं जो बहुत बड़ी संख्या में छठ के बाद रुके हुए हैं. उन्होंने अपना और अपने परिजनों का अपने मित्रों का जो वोट कराया है उसने सबको सरप्राइज किया है.
14 तारीख को इतिहास लिखा जाएगा- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि जन सुराज की जीत को लेकर कितना कॉन्फिडेंट है? इस पर उन्होंने कहा कि, जन सुराज बिल्कुल कॉन्फिडेंट है और 14 तारीख को आप देखेंगे इतिहास लिखा जाएगा. बड़े-बड़े पंडित कोई ये नहीं बता रहा था कि इस बार इतने बड़े पैमाने पर वोटिंग होगी. क्योंकि 2 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोगों ने वोट करा है. किसी को जानकारी नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि, जब 14 तारीख को काउंटिंग होगी तभी पता चलेगा कि 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने किसको वोट दिया है. सबसे ज्यादा मात्रा में जो हम लोग देख रहे हैं कि जो प्रवासी मजदूर है वो बदलाव चाहते हैं और बहुत अग्रेसिव होकर उन लोगों ने वोटिंग किया और कराया है.
लखीसराय घटना पर विजय सिन्हा को ही घेरा
6 नवंबर को वोटिंग के दिन लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर गोबर और चप्पल फेंकी गई थी. इस पर विजय सिन्हा ने कहा था कि प्रशासन पर धिक्कार है. इसे लेकर पीके ने उन्हें ही घेरते हुए कहा कि, वोटिंग के समय उन्होंने अपने और अपने सरकार का चाल चरित्र और चेहरा पर मोहर लगाई है कि, यहां पर कोई सुरक्षित नहीं है. कानून का राज नहीं है. जो बात यहां अभी तक पब्लिक झेल रही थी चुनाव के दौरान नेता और मंत्री वो चीज झेल रहे हैं.
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चुनाव में विपक्ष की भूमिका भी होती है तय
प्रशांत किशोर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि, बिहार की जनता ने कल के वोटिंग में दिखाया है कि, उन्हें जब विकल्प मिला तो उन्होंने बढ़-चढ़ के लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लिया है. चुनाव में सिर्फ यह नहीं तय होता है कि कौन आदमी सत्ता में आएगा. चुनाव में यह भी तय होगा कि कौन विपक्षी भूमिका में होगा और कौन रोड पर आएगा. यह वोटिंग दिखाता है कि, एकदम क्लोज कॉन्टेस्ट है. हर सीट, हर बूथ, हर गांव में लड़ाई है.
लोगों की खत्म हो गई मजबूरी
प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि, जन सुराज लोगों के लिए एक नया विकल्प बनकर सामने आया है और जनता ने भरोसा भी दिखाया है. अब लोगों को लालू के डर से नीतीश को, भाजपा और भाजपा के डर से लालू को वोट देने की जो मजबूरी थी, वह मजबूरी खत्म हो गई है. लोगों में उससे उत्साह है कि उनको एक नया विकल्प एक नया रास्ता दिख रहा है. इसीलिए लोगों ने इतने बड़े पैमाने पर वोटिंग करी है.
सम्राट चौधरी पर भी कसा तंज
प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि, डिप्टी सीएम को इस बात कि चिंता करनी चाहिए की वे तारापुर में जीत रहे हैं या नहीं. सम्राट चौधरी जैसे नेता कभी नीतीश कुमार को लेकर गए, कभी राजनाथ सिंह जी को तारापुर लेकर गए. ये खुद इतने डरे हुए है कि एनडीए के बड़े नेताओं की रैली करवा रहे है. अगर इतने ही कॉन्फिडेंट है तो बाकी लोगों को रैली कराने की क्या जरूरत थी?
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