Bihar News: बिहार में बाढ़ का खतरा हर साल लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित करता है, लेकिन इस बार नीतीश सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए कमर कस ली है. जल संसाधन विभाग ने बाढ़-2025 से पहले सभी अतिसंवेदनशील तटबंधों को मजबूत करने और सतत निगरानी की व्यवस्था कर ली है. तटबंधों पर हर किलोमीटर पर श्रमिक तैनात किए गए हैं, और ‘तटबंध एम्बुलेंस’ जैसी अनूठी पहल से बिहार इस बार बाढ़ से होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिए तैयार है.
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तटबंधों पर पुख्ता इंतजाम
जल संसाधन विभाग ने बिहार की प्रमुख नदियों गंगा, कोशी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा के 394 अतिसंवेदनशील और संवेदनशील स्थलों पर कटाव निरोधक कार्य पूरे कर लिए हैं. इन कार्यों पर 1310.09 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसके अलावा, बाढ़ से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में सामग्री जैसे ईसी बैग, नायलन क्रेट और जियो बैग का भंडारण कर लिया गया है. हर तटबंध के एक किलोमीटर पर एक श्रमिक तैनात है, जो 3808 किलोमीटर लंबे तटबंधों की निगरानी कर रहा है.
‘तटबंध एम्बुलेंस’ की अनूठी पहल
खतरनाक और अतिसंवेदनशील तटबंधों पर ‘तटबंध एम्बुलेंस’ तैनात की गई हैं. ये एम्बुलेंस ट्रैक्टर पर आधारित हैं, जिनमें पोर्टेबल जेनरेटर, हैलोजन लाइट, ईसी बैग, नायलन क्रेट, खाली जियो बैग और फिल्टर मटेरियल के साथ कम से कम 10 मजदूर मौजूद रहते हैं. यह व्यवस्था आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार की गई है। इसके साथ ही तटबंधों पर अस्थाई आवास, शौचालय और पेयजल की सुविधा भी सुनिश्चित की गई है.
72 घंटे पहले बाढ़ का पूर्वानुमान
पटना में बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र के तहत गणितीय प्रतिमान केंद्र ने काम शुरू कर दिया है. यह केंद्र गंगा नदी के बक्सर से कहलगांव तक सात स्थलों सहित कुल 42 स्थानों पर 72 घंटे पहले बाढ़ का पूर्वानुमान देगा. यह सुविधा बाढ़ से निपटने में समय पर कार्रवाई को और प्रभावी बनाएगी. साथ ही, नेपाल के जल एवं मौसम विभाग से भी वर्षा और नदी जलस्तर की जानकारी साझा की जा रही है, जिससे बिहार को पहले से तैयारी का मौका मिल रहा है.
नेपाल के साथ समन्वय
नेपाल में स्थित कोशी बराज और तटबंधों पर बाढ़ सुरक्षा कार्य पूरे किए गए हैं. जल संसाधन विभाग के संपर्क अधिकारी काठमांडू से नेपाल और बिहार के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं. यह समन्वय बाढ़ प्रबंधन को और मजबूत कर रहा है.
24 घंटे मदद के लिए टॉल-फ्री नंबर
बाढ़ से संबंधित किसी भी मदद के लिए 1 जून से 24 घंटे कार्यरत सहायता केंद्र शुरू किया गया है. लोग टॉल-फ्री नंबर 1800-345-6145, दूरभाष नंबर 0612-2206669, 0612-2215850 और मोबाइल नंबर 7463889706, 7463889707 पर संपर्क कर सकते हैं.
मंत्री का आश्वासन
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, “बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतत निगरानी का कोई विकल्प नहीं है. सभी तटबंधों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण सुनिश्चित किया गया है. जर्जर पुल-पुलियों की मरम्मत और पहुंच मार्गों को सुगम बनाया गया है.”
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