Bihar Startup News: बिहार के युवाओं के लिए एक नई सुबह की शुरुआत हो चुकी है. बिहार सरकार ने ‘बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल’ लॉन्च कर स्टार्टअप और उद्यमिता को गांव-गांव तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. यह पहल न केवल युवाओं के बिजनेस आइडियाज को पंख देगी, बल्कि उन्हें फंडिंग, ट्रेनिंग और मेंटॉरशिप के जरिए आत्मनिर्भर बनाएगी. अब बिहार का युवा नौकरी मांगने नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा. आइए जानते हैं, इस क्रांतिकारी योजना के बारे में सबकुछ.
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बिहार में उद्यमिता की नई शुरुआत
14 जुलाई को पटना के विकास भवन में उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने ‘बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल’ का औपचारिक उद्घाटन किया. यह डिजिटल प्लेटफॉर्म युवाओं, छात्राओं, स्टार्टअप्स और स्वयं सहायता समूहों को उद्योग विभाग की योजनाओं से जोड़ेगा. इस पोर्टल के जरिए बिहार के हर कोने से आए बिजनेस आइडियाज को न केवल मंच मिलेगा, बल्कि उन्हें हकीकत में बदलने के लिए संसाधन भी उपलब्ध होंगे.
50 करोड़ की फंडिंग और निवेशकों का साथ
‘बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025’ अपने अंतिम चरण में है और अब तक 24 जिलों में आयोजित हो चुका है. इस दौरान युवाओं के बिजनेस आइडियाज को चुना गया, जिनमें से बेहतरीन विचारों को 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की सरकारी सहायता और निवेशकों का समर्थन मिल रहा है. यह फंडिंग युवाओं को अपने स्टार्टअप शुरू करने में मदद करेगी, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें.
हर ब्लॉक से एक उद्यमी: बिहार का नया लक्ष्य
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि बिहार के हर ब्लॉक से कम से कम एक युवा उद्यमी तैयार हो. यह उद्यमी नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा.” उन्होंने जोड़ा, “गांवों में छिपी प्रतिभाओं को सिर्फ सही मौका और दिशा चाहिए. यह पोर्टल उनके सपनों को हकीकत में बदलने का रास्ता बनाएगा.”
योजना की खास बातें
- हर ब्लॉक से उद्यमी: प्रत्येक ब्लॉक से कम से कम एक सफल उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य.
- 1000+ स्टार्टअप्स: अगले 2-3 साल में स्थानीय स्तर पर 1000 से ज्यादा स्टार्टअप्स शुरू करने की योजना.
- ग्रामीण आत्मनिर्भरता: गांव के युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का रोडमैप.
- रोजगार सृजन: स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा करना.
गांवों में भी खिलेगा स्टार्टअप का सपना
कई ग्रामीण युवा अपने शानदार आइडियाज के बावजूद संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं. यह पोर्टल उनके लिए एक वरदान साबित होगा. सरकार न केवल उनके विचारों को पहचानेगी, बल्कि उन्हें व्यवसाय में बदलने के लिए ट्रेनिंग और मेंटॉरशिप भी देगी. इससे गांव, कस्बे और छोटे शहर भी उद्यमिता के नए केंद्र बन सकेंगे.
बिहार का भविष्य: पलायन से इनोवेशन हब तक
इस योजना से बिहार में पलायन की समस्या खत्म होने की उम्मीद है. अगर हर ब्लॉक से एक उद्यमी भी उभरता है, तो बिहार जल्द ही ‘इनोवेशन हब’ के रूप में पहचाना जाएगा. युवाओं की ऊर्जा, सरकार की रणनीति और सामाजिक भागीदारी मिलकर एक नए, आत्मनिर्भर बिहार की तस्वीर बनाएंगे.
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