बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन की समय सीमा खत्म हो चुकी है, लेकिन विपक्षी महागठबंधन में सीटों के तालमेल को लेकर चल रही खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. शीर्ष नेतृत्व के तमाम दावों के बावजूद, जमीनी हकीकत यह है कि आपसी समन्वय की कमी के कारण गठबंधन के सहयोगी दल ही कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
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एनडीए ने जहां सभी सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है, वहीं विपक्षी खेमे की यह अव्यवस्था अब साफ नजर आ रही है.
सात सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट'
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, कम से कम सात विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के भीतर ही "फ्रेंडली फाइट" होने की स्थिति बन गई है. ये सीटें हैं – लालगंज, वैशाली, राजापाकर, बछवाड़ा, रोसड़ा, बिहार शरीफ और गौड़ाबौराम हैं.
- गौड़ाबौराम सीट पर आरजेडी और कांग्रेस दोनों ने उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि, आरजेडी ने पहले यह सीट वीआईपी को देने की बात कही थी. यदि आरजेडी उम्मीदवार 20 अक्टूबर तक नाम वापस नहीं लेते हैं, तो यहां टक्कर तय है.
- लालगंज और वैशाली में भी कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. वैशाली में आरजेडी ने पूर्व जेडीयू नेता अजय कुशवाहा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस के संजीव सिंह मैदान में हैं. लालगंज में भी कांग्रेस की आदित्य कुमार और आरजेडी की शिवानी शुक्ला के बीच सीधा मुकाबला है.
वाम दलों से भी तकरार
केवल कांग्रेस और आरजेडी ही नहीं, बल्कि वाम दलों (CPI) से भी सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. राजापाकर, बछवाड़ा और रोसड़ा सीटों पर कांग्रेस और सीपीआई के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. बिहार शरीफ सीट पर भी कांग्रेस के उमैर खान का मुकाबला सीपीआई के शिव प्रसाद यादव से है.
विश्लेषकों का कहना है कि सीट बंटवारे में देरी और असहमति के कारण यह अव्यवस्था पैदा हुई है. कांग्रेस ने नामांकन की अंतिम तिथि से ठीक पहले 48 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिससे कई क्षेत्रों में एक ही गठबंधन के दो उम्मीदवार उतर गए.
वीआईपी और जेएमएम अलग राह पर
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी ने पहले 60 सीटें मांगी थीं, लेकिन अब 15 पर सहमति बनी. हालांकि, आरजेडी उन्हें 12 सीटें देने को तैयार है. सहनी लगातार उपमुख्यमंत्री पद की मांग पर अड़े थे. दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने महागठबंधन से अलग होकर छह सीटों पर स्वतंत्र चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
महागठबंधन की तनातनी के बीच एनडीए ने सभी 243 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर लिया है. बीजेपी, जेडीयू, लोजपा और एचएएम के बीच सीट बंटवारा स्पष्ट है. विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष की अव्यवस्था एनडीए को पहले चरण के मतदान में फायदा पहुंचा सकती है.
दूसरे चरण में भी विवाद
दूसरे चरण में जमुई की सिकंदरा सीट पर भी कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. कांग्रेस के विनोद चौधरी और आरजेडी के उदय नारायण चौधरी के नामांकन से यहां भी फ्रेंडली फाइट की स्थिति बन गई है.
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