बिहार के युवा अब सिर्फ नौकरी की तलाश में नहीं भटक रहे, बल्कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के जरिए अपने सपनों को हकीकत में बदल रहे हैं. चाहे वह आटा-सत्तू का कारोबार हो, आइसक्रीम का स्वाद हो, या फैशन की नई परिभाषा, बिहार के उद्यमी इस योजना के सहारे न केवल अपनी जिंदगी संवार रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.
ADVERTISEMENT
यह कहानी है उन युवाओं की, जिन्होंने हिम्मत और सरकारी मदद से नई शुरुआत की और अपने परिवार के साथ-साथ समाज की तस्वीर बदली. आइए, जानते हैं कैसे यह योजना बिहार को आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा रही है.
सपनों को दी नई उड़ान
मुंगेर के अभिमन्यु कुमार की जिंदगी उस वक्त बदल गई, जब पिता के निधन ने उनके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी डाल दी. आर्मी में भर्ती होने का सपना अधूरा रह गया, लेकिन मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने उनके लिए नया रास्ता खोला. इस योजना के तहत मिली 10 लाख रुपये की मदद से अभिमन्यु ने आटा, सत्तू और बेसन निर्माण का छोटा प्लांट शुरू किया.
आज वह न सिर्फ अपने कारोबार को सफलतापूर्वक चला रहे हैं, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. अभिमन्यु की तरह ही कई युवा इस योजना से अपने सपनों को साकार कर रहे हैं.
अलग-अलग क्षेत्रों में चमके उद्यमी
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने बिहार के युवाओं को अपने हुनर को आजमाने का मौका दिया है. कुछ ऐसी ही कहानियां हैं:
- प्रिंस कुमार: इन्होंने आइसक्रीम उत्पादन इकाई शुरू की और गर्मियों में लोगों को शीतलता के साथ स्वाद का कारोबार दे रहे हैं.
- गौतम कुमार: रेडीमेड वस्त्र निर्माण शुरू कर अपने इलाके में फैशन की नई पहचान बनाई.
- सुनील कुमार: बेकरी निर्माण इकाई शुरू कर आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल की.
- आशीष कुमार सिंह: नोटबुक निर्माण के जरिए शैक्षणिक क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं.
- बब्बन कुमार: रेडीमेड गारमेंट्स की इकाई शुरू कर स्थानीय बाजार में अपनी जगह बनाई.
योजना का आधार
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत बिहार सरकार 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देती है, जिसमें 50% अनुदान और 50% ब्याज मुक्त ऋण शामिल है. यह मदद युवाओं को बिना किसी आर्थिक बोझ के अपना व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाती है. इस योजना ने न केवल व्यक्तिगत स्तर पर जिंदगियां बदली हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया है.
ADVERTISEMENT