'पार्टी बचाने के लिए जहर पीना पड़ा..' उपेंद्र कुशवाहा ने बेटे दीपक को मंत्री बनाए जाने की पूरी वजह बताई!

Upendra Kushwaha Statement: नीतीश कैबिनेट में बिना चुनाव लड़े दीपक प्रकाश के मंत्री बनने पर सवाल उठे तो उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा कि पार्टी को बचाने के लिए यह कठिन फैसला जरूरी था. परिवारवाद के आरोप के बावजूद उन्होंने बेटे पर भरोसा जताया.

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न्यूज तक डेस्क

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Bihar Politics: बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद सबसे ज्यादा चर्चा दीपक प्रकाश के शपथ लेने पर हो रही है. दीपक प्रकाश की चर्चा की मुख्य वजह है कि वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं है फिर भी उन्हें मंत्री बना दिया गया है. दूसरा, उनके पिता उपेंद्र कुशवाह के इस डिसिजन भी सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने अपनी पार्टी से किसी विधायक की बजाय अपने बेटे को मंत्री बना दिया. अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पर परिवारवाद का आरोप लगने लगे हैं.

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सरकार गठन के बाद उठे सवालों पर कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट लिखकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि पार्टी के अस्तित्व और भविष्य को बचाने के लिए यह निर्णय लेना जरूरी था. यह फैसला उनके लिए 'जहर पीने जैसा' था, लेकिन हालात ऐसे थे कि दूसरा विकल्प पार्टी को फिर से शून्य पर ला सकता था.

कुशवाहा ने पोस्ट कर लिखी ये बातें!

कुशवाहा ने अपने पोस्ट में कहा कि दीपक प्रकाश योग्य हैं, उनके पास कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री है और वे राजनीति को बचपन से समझते आए हैं. उन्होंने लोगों से समय देने की अपील करते हुए भरोसा जताया कि दीपक स्वयं को साबित करेंगे.

एनडीए की सीट शेयरिंग के दौरान राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6 सीटें मिली थीं, जिस पर कुशवाहा पहले ही असंतोष जता चुके थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, तब उन्हें एमएलसी सीट देने का आश्वासन मिला था. ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्री बनने के बाद दीपक अगले छह महीनों में विधान परिषद का सदस्य बन सकते हैं.

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