Bihar News: अब बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और लर्निंग लाइसेंस (एलएल) बनवाना हुआ और आसान! घर बैठे ऑनलाइन सुविधा का फायदा उठाकर लोग समय और पैसे की बचत कर रहे हैं. इस साल जनवरी से जून तक 11,580 लोगों ने ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस बनवाया है. परिवहन विभाग की इस डिजिटल पहल ने न सिर्फ प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि बिचौलियों पर भी लगाम लगाई है. आइए जानते हैं, बिहार में इस नई सुविधा का क्या है हाल.
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पश्चिमी चंपारण टॉप पर, पटना दूसरे स्थान पर
ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस बनवाने में पश्चिमी चंपारण (बेतिया) जिला सबसे आगे है, जहां 4,458 लोगों ने यह सुविधा ली. पटना 1,179 एलएल के साथ दूसरे और सीतामढ़ी 1,104 एलएल के साथ तीसरे स्थान पर है. यह दिखाता है कि ग्रामीण इलाकों में भी लोग डिजिटल सेवाओं को तेजी से अपना रहे हैं.
छह महीने में बने 3.5 लाख से ज्यादा एलएल
ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से इस साल जनवरी से जून तक 3,52,519 लर्निंग लाइसेंस जारी किए गए. इसमें सबसे ज्यादा 40,000 एलएल मुजफ्फरपुर जिले में बने. पटना में 22,365 पुरुषों और 1,803 महिलाओं को एलएल मिला. यह आंकड़ा दर्शाता है कि लोग अब ड्राइविंग के लिए जरूरी लाइसेंस लेने में खासी रुचि दिखा रहे हैं.
डीएल में भी मुजफ्फरपुर अव्वल
पिछले छह महीनों में राज्य में 2,92,942 ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए. मुजफ्फरपुर फिर से शीर्ष पर रहा, जहां 30,185 लोगों को डीएल मिला. पटना में 16,218 लोगों को डीएल जारी किया गया, जिसमें 15,000 से ज्यादा पुरुष और 1,134 महिलाएं शामिल हैं. यह दिखाता है कि बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस की मांग तेजी से बढ़ रही है.
46 ऑनलाइन सेवाएं, 24x7 उपलब्ध
परिवहन विभाग की वेबसाइट पर वाहन 4.0 और सारथी 4.0 सॉफ्टवेयर के जरिए 46 तरह की सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं. इनमें लर्निंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस, कमर्शियल लाइसेंस का नवीनीकरण, नाम, पता, फोटो, हस्ताक्षर, बायोमेट्रिक्स अपडेट, वाहन स्वामित्व हस्तांतरण और परमिट जैसी सुविधाएं शामिल हैं. ये डिजिटल सेवाएं न सिर्फ समय बचाती हैं, बल्कि बिचौलियों को भी बाहर रखती हैं.
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