बिहार में अपराध की कमर तोड़ने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है. सुपारी किलर्स से लेकर संगठित गैंग तक, अब कोई भी अपराधी पुलिस की नजर से बच नहीं पाएगा. बिहार पुलिस ने सुपारी किलर्स का डिजिटल डाटाबेस तैयार करने के लिए विशेष सेल बनाई है, तो वहीं 1290 अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. इतना ही नहीं, फास्ट ट्रैक कोर्ट की वापसी और नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई से बिहार पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से एक्शन मोड में है.
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सुपारी किलर्स पर सख्त नजर
बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सुपारी किलर्स को ट्रैक करने के लिए ‘सुपारी किलर निगरानी सेल’ बनाई है. इस सेल का काम होगा हर सुपारी किलर का डिजिटल डोजियर तैयार करना, जिसमें उनकी फोटो, नाम, पता और आपराधिक इतिहास दर्ज होगा. एडीजी (मुख्यालय) सह एसटीएफ प्रमुख कुंदन कृष्णन ने बताया कि इस कदम से अपराधियों की पहचान आसान होगी और उनकी साजिशों को समय रहते नाकाम किया जा सकेगा.
संगठित गैंग पर लगाम
संगठित अपराध के खिलाफ भी पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है. कोढ़ा गैंग और बेगूसराय के तिवारी गैंग जैसे कुख्यात गिरोहों पर नजर रखने के लिए अलग-अलग सेल बनाए गए हैं. साथ ही, नशे के अवैध कारोबार को रोकने के लिए नारकोटिक्स सेल को और मजबूत किया जा रहा है. स्थानीय थानों के साथ तालमेल बढ़ाकर इन गैंग्स पर शिकंजा कसा जा रहा है.
फास्ट ट्रैक कोर्ट की वापसी
गंभीर अपराधियों को जल्द सजा दिलाने के लिए बिहार पुलिस फास्ट ट्रैक कोर्ट को फिर से शुरू करने की तैयारी में है. एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि इसके लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने चिंता जताई कि पहले जहां हर साल 2-3 हजार अपराधियों को सजा मिलती थी, अब यह संख्या 500-600 तक सिमट गई है. इस कमी को दूर करने के लिए पुलिस गंभीरता से काम कर रही है.
1290 अपराधियों की संपत्ति पर नजर
पुलिस ने 1290 ऐसे अपराधियों की पहचान की है, जिन्होंने अपराध के जरिए अवैध संपत्ति बनाई है. अब इनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इसके अलावा, अगर किसी नाबालिग के पास अभिभावक का लाइसेंसी हथियार पाया गया, तो अभिभावक को जेल की सजा भुगतनी होगी.
अपराध में कमी, नक्सलियों का सफाया
एडीजी कुंदन कृष्णन ने दावा किया कि बिहार में अपराध की दर घटी है. मई-जून 2024 की तुलना में 2025 में आपराधिक घटनाएं कम हुई हैं. दानापुर ज्वेलरी लूट, आरा तनिष्क कांड और समस्तीपुर बैंक लूट जैसे बड़े मामलों के आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही, इस साल 82 नक्सलियों को पकड़ा गया है और गया, औरंगाबाद, मुंगेर जैसे इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव खत्म हो चुका है. जमुई और खड़गपुर में बचे नक्सलियों को भी जल्द काबू करने का दावा पुलिस ने किया है.
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