Bihar News: बिहार पुलिस में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब हर नए थाने में महिला पुलिसकर्मियों के लिए अलग बैरक और शौचालय बनाना अनिवार्य कर दिया गया है. यह पहल न केवल महिला पुलिसकर्मियों को सम्मानजनक कार्यस्थल प्रदान करेगी, बल्कि उनकी सुविधा और सुरक्षा को भी प्राथमिकता देगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह कदम बिहार पुलिस को और प्रगतिशील बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.
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महिला पुलिसकर्मियों की बढ़ती ताकत
बिहार पुलिस में अब महिला कर्मियों की संख्या 23 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है. एडीजी (आधुनिकीकरण) सुधांशु कुमार के अनुसार, पहले महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन अब उनकी बढ़ती भागीदारी को देखते हुए सरकार उनके लिए बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार करने पर जोर दे रही है. इसके तहत 545 थानों में महिला बैरकों का निर्माण पूरा हो चुका है, ताकि महिला पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान किसी तरह की असुविधा न हो.
थानों में साफ-सुथरे शौचालय और बैरक
महिला पुलिसकर्मियों को पहले शौचालय और वॉशरूम की कमी के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी. इस समस्या को दूर करने के लिए अब तक 678 थानों में पांच सीट वाले और 257 थानों में दो सीट वाले शौचालय बनाए गए हैं. इसके अलावा, हर नए थाना भवन में अलग शौचालय और बाथरूम बनाना अनिवार्य कर दिया गया है. यह कदम महिला पुलिसकर्मियों को कार्यस्थल पर राहत और सम्मान प्रदान करेगा.
बड़े पुलिस केंद्रों पर विशेष सुविधाएं
राज्य सरकार ने 25 प्रमुख पुलिस केंद्रों पर 100 से 500 क्षमता वाले बड़े महिला बैरकों के निर्माण की योजना बनाई है. ये बैरक खासकर नाइट ड्यूटी, ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती या अस्थायी पोस्टिंग के दौरान महिला पुलिसकर्मियों को ठहरने की बेहतर सुविधा प्रदान करेंगे. यह पहल महिला पुलिसकर्मियों के लिए कार्यस्थल को और सुरक्षित व आरामदायक बनाएगी.
बिहार बन रहा महिला सशक्तिकरण का मॉडल
यह पहल न केवल बिहार पुलिस में महिलाओं की कार्यशैली और सम्मान को बढ़ावा दे रही है, बल्कि पूरे देश के लिए एक नया मॉडल भी प्रस्तुत कर रही है. बिहार पुलिस की यह प्रगतिशील छवि न केवल राज्य की पुलिस व्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगी.
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