Bihar News: बिहार के गांव अब सड़कों के जरिए शहरों से जुड़ रहे हैं, और यह बदलाव ला रही है बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018. इस नीति ने ग्रामीण सड़कों की तस्वीर बदल दी है, जिसमें अब तक 36,372 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों की मरम्मत हो चुकी है. खास बात यह है कि पूर्वी चंपारण ने इस दौड़ में सबसे आगे रहकर 2,363 किलोमीटर सड़कों को दुरुस्त किया है. यह कहानी न सिर्फ विकास की है, बल्कि उन लाखों ग्रामीणों की उम्मीदों की भी है, जिनके लिए ये सड़कें नई राहें खोल रही हैं.
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बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति की सफलता
2018 में शुरू हुई बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति ने ग्रामीण सड़कों को नया जीवन दिया है. ग्रामीण कार्य विभाग ने 40,250 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत के लिए मंजूरी दी थी, जिसमें से 36,372 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का काम पूरा हो चुका है. कुल 16,166 सड़कों को दुरुस्त करने की योजना पर 18,963 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं. इनमें से 15,342 सड़कों की प्रारंभिक मरम्मत हो चुकी है, जो ग्रामीण कनेक्टिविटी को मजबूत कर रही है.
पूर्वी चंपारण ने मारी बाजी
जिलों के प्रदर्शन की बात करें तो पूर्वी चंपारण ने 2,363.31 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत के साथ पहला स्थान हासिल किया है. इसके बाद पश्चिम चंपारण में 1,979.41 किलोमीटर और मुजफ्फरपुर में 1,626.65 किलोमीटर सड़कों का अनुरक्षण पूरा हुआ है. अन्य जिले जैसे सारण (1,560.84 किमी), समस्तीपुर (1,389.73 किमी), रोहतास (1,358.90 किमी), गया (1,358.69 किमी), वैशाली (1,346.46 किमी), पटना (1,327.37 किमी), और मधुबनी (1,223.01 किमी) भी इस दौड़ में पीछे नहीं हैं.
ग्रामीण सशक्तिकरण का सेतु: मंत्री अशोक चौधरी
ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, “यह नीति सिर्फ सड़कें बनाने की योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण सशक्तिकरण का माध्यम है. 36,372 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का अनुरक्षण इस बात का सबूत है कि हम गांव-गांव तक विकास पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. ये सड़कें गांवों को शहरों से जोड़ने का सेतु बन रही हैं.” उनकी यह बात ग्रामीण बिहार के लिए नई उम्मीद जगाती है.
बेहतर सड़कों से बदला गांवों का जीवन
ग्रामीण सड़कों के कायाकल्प से बिहार के गांवों में आवागमन आसान हो गया है. किसान अब अपनी फसल को आसानी से मंडियों तक पहुंचा रहे हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, और व्यापार जैसे क्षेत्रों में भी तेजी आई है. इन सड़कों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति दी है और लोगों का जीवन स्तर सुधारा है. विभाग का लक्ष्य है कि जल्द ही बाकी सड़कों का काम भी पूरा हो, ताकि बिहार के हर गांव तक विकास की रोशनी पहुंचे.
बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 ने साबित कर दिया है कि सही नीति और मेहनत से बड़े बदलाव संभव हैं. पूर्वी चंपारण से लेकर मधुबनी तक, ये सड़कें न सिर्फ दूरी कम कर रही हैं, बल्कि गांवों को समृद्धि और अवसरों से जोड़ रही हैं. आने वाले दिनों में और सड़कों के बनने से बिहार का ग्रामीण परिदृश्य और मजबूत होगा.
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