Bihar Election Poll Tracker Opinion Poll: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है, इसलिए उससे पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है. यानी जल्द ही चुनाव की तारीखों के ऐलान होने की संभावना है.
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इस बीच, पोल ट्रैकर का ताजा ओपिनियन पोल सामने आया है, जो बिहार की सियासत में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है. इस सर्वे में वोट प्रतिशत, सीटों का अनुमान और नेताओं की लोकप्रियता का खुलासा हुआ है.
वोट प्रतिशत: कौन है किससे आगे?
पोल ट्रैकर के ओपिनियन पोल के मुताबिक, बिहार में वोटरों का रुझान रोचक तस्वीर पेश कर रहा है. सर्वे में इंडिया गठबंधन (RJD, कांग्रेस और अन्य सहयोगी) को 44.2% वोट मिलने का अनुमान है, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से थोड़ा आगे है. NDA, जिसमें बीजेपी, जेडीयू, चिराग पासवान की LJP और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल हैं, को 42.8% वोट मिलने की संभावना जताई गई है.
वहीं, प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को 2.7% और अन्य छोटे दलों को 10.3% वोट मिल सकते हैं. यह मामूली अंतर चुनावी नतीजों में बड़ा उलटफेर कर सकता है.
सीटों का अनुमान: किसे कितनी सीटें?
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए. पोल ट्रैकर के ताजा ओपिनियन पोल के अनुसार, इंडिया गठबंधन को 126 सीटें मिल सकती हैं, जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है. वहीं, NDA को 112 सीटें, जनसुराज को 1 सीट और अन्य दलों को 8 सीटें मिलने का अनुमान है. इससे पहले 8 जून को हुए पोल ट्रैकर के सर्वे में इंडिया गठबंधन को 121-131 सीटें और NDA को 108-115 सीटें मिलने की बात कही गई थी. दोनों सर्वे में इंडिया गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है, लेकिन अभी भी दो-तीन महीने बाकी हैं, जिसमें समीकरण बदल सकते हैं.
सीएम की रेस: कौन है जनता की पहली पसंद?
पोल ट्रैकर के ओपिनियन पोल में बिहार के अगले मुख्यमंत्री के लिए जनता की पसंद भी सामने आई है. RJD नेता तेजस्वी यादव 43% लोगों की पहली पसंद बनकर उभरे हैं, जबकि मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 31% लोग ही दोबारा सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं. जनसुराज के प्रशांत किशोर को 9% लोग पसंद कर रहे हैं, जो बताता है कि उन्हें बिहार की सियासत में अपनी जगह बनाने के लिए अभी और मेहनत करनी होगी. साथ ही लोगों ने अन्य को भी 17% वोट दिया है जिससे ये कहा जा सकता है कि कुछ लोग नया चेहरा भी चाहते है. तेजस्वी की बढ़ती लोकप्रियता, खासकर युवाओं के बीच, विपक्ष के लिए मजबूत संदेश है.
युवाओं की पसंद: कौन है सबसे लोकप्रिय?
सर्वे में यह भी खुलासा हुआ कि बिहार के युवाओं में राहुल गांधी की लोकप्रियता पीएम नरेंद्र मोदी से ज्यादा है. राहुल गांधी को 47% युवा पसंद करते हैं, जबकि नरेंद्र मोदी को 39% का समर्थन मिला है. बाकी 14% वोट अन्य नेताओं, जैसे तेजस्वी यादव या चिराग पासवान, के पक्ष में हो सकते हैं. यह ट्रेंड इंडिया गठबंधन के लिए सकारात्मक संकेत देता है.
2020 के चुनाव: पहले क्या हुआ था?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा और 74 सीटें जीतीं, जबकि जेडीयू ने 115 सीटों पर लड़कर 43 सीटें हासिल कीं. हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) को 4 और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को भी 4 सीटें मिली थीं. दूसरी ओर, महागठबंधन में RJD ने 144 सीटों पर चुनाव लड़कर 75 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 70 सीटों पर 19 सीटें हासिल कीं, और वाम दलों ने मिलकर 16 सीटें जीतीं. इस बार VIP महागठबंधन के साथ है, जो समीकरण को और रोचक बना सकता है.
क्या कहता है सर्वे का निचोड़?
पोल ट्रैकर का यह सर्वे बिहार में कांटे की टक्कर का संकेत दे रहा है. इंडिया गठबंधन को मामूली बढ़त मिलती दिख रही है, लेकिन NDA भी मजबूत स्थिति में है. तेजस्वी यादव का उभरता चेहरा और राहुल गांधी की लोकप्रियता विपक्ष को नई ताकत दे रही है, जबकि नीतीश कुमार और बीजेपी का अनुभव NDA को मजबूती देता है. जनसुराज पार्टी अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन आने वाले महीनों में यह समीकरणों को प्रभावित कर सकती है.
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