Bihar Weather Update: बिहार में मौसम का मूड लगातार बदल रहा है. कभी धूप तो कभी बारिश दोनों से ही जन जीवन प्रभावित हो रहा है. आज सुबह की चिलचिलाती धूप के बाद काले बादल छा गए और तेज हवाओं के साथ बारिश ने राहत दी. पटना और बगहा में शुक्रवार को तेज बारिश हुई, लेकिन उमस भरी गर्मी अभी भी लोगों को परेशान कर रही है.
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मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों के लिए 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, मानसून की एंट्री में देरी ने बिहारवासियों की बेचैनी बढ़ा दी है.
पटना-बगहा में बारिश, 12 जिलों में अलर्ट
शुक्रवार सुबह पटना में धूप के बाद काले बादल छाए और तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई. बगहा में भी ऐसा ही नजारा रहा. मौसम विभाग ने अगले 3 घंटों के लिए 12 जिलों गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, कैमूर, मधुबनी, पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, जहानाबाद, सुपौल और रोहतास में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. बेतिया में भी काले बादल छाए हुए हैं. हालांकि, कुछ इलाकों में 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान के साथ उमस भरी गर्मी परेशानी का सबब बन सकती है.
बीते 24 घंटे का मौसम
गुरुवार को बिहार के ज्यादातर जिलों में मौसम सामान्य रहा. किशनगंज में शाम को तेज हवाओं के साथ बारिश हुई, लेकिन पटना सहित कई इलाकों में उमस और तेज धूप ने लोगों को परेशान किया. छपरा में 37.3 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ज्यादा गर्मी दर्ज की गई, जबकि दरभंगा में 37.2 डिग्री और पटना में 36.1 डिग्री तापमान रहा.
मानसून की देरी, पछुआ हवाओं का असर
बिहार में मानसून का इंतजार लंबा होता जा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले छह दिनों से पश्चिम बंगाल में ठहरा हुआ है. पछुआ हवाओं के मजबूत होने और पूर्वा हवाओं के कमजोर पड़ने से मानसून की प्रगति रुक गई है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने बताया, “पछुआ हवाएं इस समय काफी प्रभावी हैं, जबकि मानसून को बिहार तक लाने वाली पूर्वा हवाएं कमजोर हैं. इस वजह से मानसून पश्चिम बंगाल में अटक गया है.”
कब मिलेगी गर्मी से राहत?
मौसम विभाग का कहना है कि अगर हवाओं की दिशा में बदलाव नहीं हुआ, तो अगले कुछ दिनों तक गर्मी और उमस का सिलसिला जारी रह सकता है. विशेषज्ञों की नजर मानसून की गतिविधियों पर है. जैसे ही बंगाल की खाड़ी से नमी वाली हवाएं सक्रिय होंगी, मानसून बिहार में दस्तक दे सकता है.
खेती-किसानी पर असर
मानसून की देरी का असर बिहार के किसानों पर भी पड़ रहा है. जून के पहले हफ्ते में धान की बुआई और खेतों की तैयारी शुरू हो जाती है, लेकिन बारिश की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों को उम्मीद है कि जल्द ही बारिश होगी, जिससे फसलों का चक्र प्रभावित नहीं होगा.
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