Bihar News: बिहार खेल के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रहा है. ‘बिहार महिला एथलीट स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025’ के साथ बिहार देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष स्वास्थ्य नीति ला रहा है. इस नीति के ड्राफ्ट पर चर्चा के लिए पाटलिपुत्र खेल परिसर में देशभर के 30 से ज्यादा ओलंपिक खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए. यह नीति बिहार की महिला खिलाड़ियों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी और उन्हें वैश्विक मंच पर चमकने का मौका देगी.
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देश की पहली महिला एथलीट नीति
बिहार सरकार ने महिला खिलाड़ियों की बढ़ती भागीदारी और शानदार प्रदर्शन को देखते हुए ‘महिला एथलीट स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025’ तैयार की है. यह नीति मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं, पोषण की कमी, और शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर केंद्रित है. इसका मकसद है कि बिहार की महिला खिलाड़ी अधिक मेडल जीतें और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएं.
विशेषज्ञों ने दी राय
पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित परिचर्चा में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण, निदेशक रविंद्र नाथ चौधरी, और कई दिग्गज शामिल हुए. इनमें ओलंपियन तैराक माना पटेल, बिहार पुलिस अकादमी की निदेशिका आर मल्लार विज़्जी, आईआईएम बोधगया की निदेशिका डॉ. विनीता एस सहाय, और खेल मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रिया जैसे नाम शामिल थे. 30 से ज्यादा विशेषज्ञों ने नीति के ड्राफ्ट पर अपने सुझाव दिए, ताकि यह नीति और प्रभावी हो सके.
क्यों जरूरी है यह नीति?
वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक, 80% महिला एथलीट मासिक धर्म से जुड़े लक्षणों का सामना करती हैं, जो उनके प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं. भारत में 82% महिला खिलाड़ियों का कहना है कि मासिक धर्म उनके प्रशिक्षण में बाधा डालता है. फिर भी, केवल 10% ही इस बारे में कोच से बात करने में सहज होती हैं. इस नीति में मासिक धर्म, पोषण, और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े वैज्ञानिक समाधानों पर जोर दिया गया है, ताकि महिला खिलाड़ी बिना किसी रुकावट के अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें.
बिहार में महिलाओं का शानदार प्रदर्शन
पिछले दशक में बिहार और भारत में महिला खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ी है. 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिलाओं ने 40% से ज्यादा मेडल जीते. पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत ने सबसे ज्यादा लिंग-संतुलित दल भेजा. बिहार की महिला खिलाड़ी भी इसमें पीछे नहीं हैं। यह नीति उनकी मेहनत को और निखारेगी, ताकि वे देश और राज्य के लिए ज्यादा मेडल ला सकें.
बिहार की प्रतिबद्धता
खेल मंत्री और बिहार सरकार की प्रतिबद्धता के चलते यह नीति तैयार की गई है. यह न केवल महिला खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देगी, बल्कि बिहार को खेल के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी. यह नीति बिहार की बेटियों को प्रेरित करेगी और उन्हें वैश्विक मंच पर चमकने का मौका देगी.
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