बिहार पुलिस में ‘लेडी सिंघम’ का दबदबा, 37% से ज्यादा फोर्स में महिलाएं

बिहार पुलिस में महिलाओं का दबदबा तेजी से बढ़ रहा है. अब 37% से ज्यादा महिला पुलिस बल की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.

Bihar News
प्रतीकात्मक तस्वीर

न्यूज तक डेस्क

• 11:44 PM • 12 Sep 2025

follow google news

बिहार पुलिस में महिलाओं का दबदबा तेजी से बढ़ रहा है. जिसका नतीजा ये है कि अब पुलिस की कमान ‘लेडी सिंघम’ के हाथों में है. थानेदारी से लेकर मुख्यालय तक बड़ी अब महिलाएं निभा रही हैं. अकेले सिपाही पद पर ही 35.8 फीसदी यानी करीब 31 हजार 882 महिलाएं तैनात हैं. अधिकारियों को मिलाकर यह संख्या कुल पुलिस बल का 37 फीसदी से ज्यादा हो चुकी है. यह बदलाव महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 फीसद आरक्षण मिलने का नतीजा है.

Read more!

डायल-112 में 400 महिलाएं

आपातकालीन सेवा डायल-112 का संचालन भी अब महिला पुलिसकर्मियों के हाथ में है. करीब 400 महिलाएं तीन शिफ्टों में इस सेवा को संभाल रही हैं. कॉल मिलने के बाद पुलिस औसतन 13–14 मिनट में मौके पर पहुंच जाती है. पिछले साल से शुरू हुई "सुरक्षित सफर" सेवा के तहत रात में अकेली महिलाओं को घर या गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने की सुविधा भी मिल रही है। अब तक 200 से ज्यादा महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है.

ट्रैफिक से लेकर थाने तक, हर जगह महिलाएं

राजधानी पटना की ट्रैफिक व्यवस्था में भी महिला पुलिस की मजबूत मौजूदगी है. चेकपोस्ट से लेकर मुख्य चौक-चौराहों तक महिलाएं ड्यूटी पर दिखती हैं. राज्य के सभी 1326 थानों में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा चुकी है. यहां तक कि हर थाने में महिलाओं के लिए अलग फ्लोर पर बैरक भी बनाए गए हैं ताकि ड्यूटी के दौरान उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो.

पहली बार महिला चालकों की भर्ती

पुलिस विभाग ने पहली बार महिला चालकों की भी भर्ती की है. 54 महिला चालकों ने ट्रेनिंग पूरी कर ड्यूटी संभाल ली है. हालांकि अभी भी करीब 1700 पद खाली हैं क्योंकि इस पद के लिए महिलाओं की रुचि अपेक्षाकृत कम है, लेकिन बिहार पुलिस इस क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास कर रही है.

बदल रही पुलिस की छवि

महिला पुलिस की मौजूदगी ने थानों की छवि पूरी तरह बदल दी है. पहले, जहां थानों में केवल 1–2 फीसद महिलाएं दिखती थीं, वहीं अब यह संख्या 35 फीसद के आसपास पहुंच चुकी है. इससे महिला पीड़िताओं को थाने जाने में न तो झिझक होती है और न ही डर. महिलाओं की पर्याप्त संख्या होने से छापेमारी, बयान दर्ज करने और मेडिकल जांच जैसे मामलों में आसानी हो रही है.

डीजीपी ने माना बदलाव

डीजीपी विनय कुमार का कहना है कि सरकार की ओर से दिए गए आरक्षण के कारण पुलिस में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. थाना से लेकर सभी प्रमुख इकाइयों में महिला कर्मियों की मौजूदगी से कामकाज आसान हुआ है. साथ ही पुलिस की छवि में भी सकारात्मक बदलाव आया है.

    follow google news