प्रशांत किशोर की जनसुराज को लेकर CM नीतीश के साथी केसी त्यागी का चौंकाने वाला दावा! 

KC Tyagi on Prashant Kishor: बिहार में एक नए राजनीतिक दल का उदय होने जा रहा है. प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज की स्थापना 2 अक्टूबर को पटना में होने जा रही है. इसको लेकर जनसुराज के कार्यकर्ता लगे हुए हैं. इन सबके बीच जेडीयू ने अपना बड़ा बयान दिया है.

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आशीष अभिनव

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KC Tyagi on Prashant Kishor: बिहार में एक नए राजनीतिक दल का उदय होने जा रहा है. प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज की स्थापना 2 अक्टूबर को पटना में होने जा रही है. इसको लेकर जनसुराज के कार्यकर्ता लगे हुए हैं. इन सबके बीच जेडीयू ने अपना बड़ा बयान दिया है. पार्टी के दिग्गज नेता केसी त्यागी ने कहा कि प्रशांत किशोर कभी नीतीश कुमार के साथ थे. पार्टी के उपाध्यक्ष थे लेकिन अब अपना दल बनाने आ रहे हैं लेकिन उन्हें बड़ी निराशा हाथ लगने वाली है. बिहार की सियासत में दो गठबंधन कारगर है और रहेगा. INDIA या NDA. केसी त्यागी का बयान इस समय आया है जब प्रशांत किशोर पटना में 2 अक्टूबर को सियासी दल का गठन करने जा रहे हैं. 

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वैसे आपको बता दें कि, प्रशांत किशोर करीब दो साल से बिहार में जन सुराज यात्रा निकाले हुए थे. इसी यात्रा के बीच उन्होंने बिहार में राजनैतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जयंती के अवसर पर वो इसका गठन करने वाले है. इसे लेकर वो पिछले एक महीने से पटना का सियासी पारा चढ़ाएं हुए है. कभी महिलाओं से मिल रहे कभी अल्पसंख्यकों से, तो कभी युवाओं से. पटना के गांधी मैदान को उन्होंने अपना अड्डा सा बना लिया है. 

पटना में प्रशांत किशोर की भव्य तैयारी

पार्टी बनाने को लेकर प्रशांत किशोर की भव्य तैयारी चल रही है. पार्टी के प्रवक्ता विवेक कुमार ने बताया कि करीब 5 हजार लोगों की क्षमता वाला मंच तैयार किया जा रहा है. बिहार में ऐसा पहली बार होने जा रहा है. इधर, प्रशांत किशोर ने फिर दावा किया है कि जनसुराज आने वाले दिनों में बिहार में सरकार बनाने जा रही है. बता दें कि प्रशांत किशोर ने ये भी कहा है कि उनकी पदयात्रा पार्टी बनाने के बाद भी जारी रहेगी. 

जेडीयू के साथ लंबा सफर तय नहीं कर सके पीके

प्रशांत किशोर कभी नीतीश कुमार के साथ थे. 2015 के बाद प्रशांत किशोर ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा था. साल 2018 में उनकी एंट्री भी जेडीयू में शानदार रही थी. तब सीएम नीतीश कुमार ने अपने बगल में बिठाकर उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. उन्हें पार्टी का भविष्य बताया जा रहा था. और एक महीने के भीतर उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बना दिया गया. लेकिन धीरे-धीरे पार्टी में पीके की अस्वीकारिता बढ़ने लगी. प्रशांत किशोर फिर चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम करने लगे. लेकिन एक बार फिर उनका बिहार प्रेम जागा और बिहार में वे सक्रिय हुए. पदयात्रा के बाद अब पार्टी बनाने का ऐलान किया है. चुनावी राजनीति में प्रशांत किशोर की असली परीक्षा 2025 में होने वाली है.

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