बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक गैस (CNG और PNG) पर लगने वाले वैट (मूल्य वर्धित कर) की दरों में समानता ला दी है. इस फैसले से अब छोटे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी और उन्हें सस्ती गैस मिल पाएगी. सरकार के इस कदम से घरेलू और वाणिज्यिक उपयोग के लिए गैस की कीमतों में एकरूपता आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी.
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उपमुख्यमंत्री चौधरी ने बताया कि पहले केवल शहरी गैस वितरण नेटवर्क से प्रतिदिन 50,000 SCMD (स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रति दिन) तक की बिक्री पर ही टैक्स कम किया गया था. लेकिन, गेल (GAIL) जैसी कंपनियां, जो सीधे पाइपलाइन से गैस सप्लाई करती हैं और इस सीमा को पार कर जाती हैं, उन्हें पहले की तरह 20% की ऊंची दर पर टैक्स देना पड़ता था. इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ता था और उन्हें सस्ती गैस का लाभ नहीं मिल पाता था.
उपभोक्ता का सीधा होगा फायदा
सम्राट चौधरी ने कहा कि इस असमानता को खत्म करने और उपभोक्ताओं को सीधा फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने अधिसूचना की शर्तों में बदलाव किया है. अब गेल और अन्य सभी CGD (सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन) कंपनियां एक समान दर पर टैक्स चुकाएंगी, जिससे वे उपभोक्ताओं को सस्ती CNG और PNG दे सकेंगी. 50,000 SCMD की सीमा पहले की तरह बनी रहेगी, ताकि छोटे उपभोक्ताओं को कम दाम पर गैस मिल सके.
सरकार का मानना है कि वैट दरों में समानता लाने से न केवल लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि यह प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा. प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलने से पारंपरिक ईंधनों पर हमारी निर्भरता कम होगी, जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. यह फैसला बिहार में गैस वितरण प्रणाली में मूल्य की एकरूपता और पारदर्शिता लाएगा.
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