बिहार में पिछले कुछ दिनों से अपराध की घटनाएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं. लगातार हो रही हत्याओं ने राज्य के आम लोगों की नींद उड़ा दी है.इसी बीच बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ADG STF कुंदन कृष्णन का बयान सामने आया है, जिसने एक नई बहस को जन्म दे दिया है.
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ADG कुंदन कृष्णन का कहना है कि हर साल अप्रैल से जून के बीच बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती है और ऐसा होने का कारण है इस महीने में किसानों का खाली रहना. उनका तर्क है कि बारिश के शुरू होने तक किसानों के पास ज्यादा काम नहीं होता, जिस वजह से ग्रामीण युवाओं में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि जैसे ही खेतों में काम शुरू होता है अपराधों में गिरावट आने लगती है.
किसानों में आक्रोश माफी की मांग
एडीजी के इस बयान ने किसानों को नाराज कर दिया है. बेगूसराय जिले के कई किसानों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि किसान साल भर खेत-खलिहान और अपने परिवार की जिम्मेदारियों में जुटे रहते हैं. उनका यह भी कहना है कि अधिकारी को पहले गांव में आकर देखना चाहिए कि किसानों का असल जीवन कैसा होता है. कई किसानों ने इस बयान को अपमानजनक बताते हुए माफी की मांग की है, साथ ही चेतावनी दी है कि अगर माफी नहीं मिली तो वे आंदोलन कर सकते हैं.
भड़ते तेजस्वी यादव
राज्य में विधानसभा उपचुनावों का माहौल है और ऐसे में विपक्षी दलों और मीडिया ने इस बयान को मुद्दा बना लिया है. कई राजनीतिक नेताओं ने इसे प्रशासन की नाकामी छिपाने की कोशिश बताया है. ADG STF कुंदन कृष्णन के बयान पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा दोष मौसम का नहीं है अपने कानून में सुधार की जरूरत है. इतना ही नहीं उन्होंने ADG STF कुंदन कृष्णन के बयान को अतार्किक बताते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाजी से पुलिस का मनोबल गिरता है. उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है.
चिराग पासवान ने क्या कहा
वहीं चिराग पासवान ने इस बयान को "बेहद शर्मनाक" बताया है. उन्होंने कहा है कि बिहार पुलिस का ध्यान आपराध करने वाले लोगों को पकड़ने के बजाय कहीं और है. उनहोंने कहा कि पलिस को अपनी प्राथमिकता स्पष्ट करना चाहिए.
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