बिहार अब सिर्फ खेत-खलिहानों की धरती नहीं रहा. अब यह औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखने को तैयार है. गया के डोभी में बन रहा राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक हब बिहार की आर्थिक तस्वीर को बदलने जा रहा है. यह परियोजना न केवल उद्योगों को बढ़ावा देगी, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के द्वार भी खोलेगी. गया के साथ-साथ मुंगेर, मधुबनी, और अन्य जिलों में भी औद्योगिक पार्क तेजी से आकार ले रहे हैं. आइए, जानते हैं इस बदलाव की कहानी.
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गया में बनेगा बिहार का सबसे बड़ा औद्योगिक क्लस्टर
गयाजी के डोभी क्षेत्र में 1670 एकड़ में एक अत्याधुनिक औद्योगिक पार्क बन रहा है, जो अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है. इस इंटिग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर पर 1,339 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. यह परियोजना बिहार को औद्योगिक नक्शे पर नई पहचान दिलाएगी.
इस हब में खाद्य प्रसंस्करण, फर्नीचर, रेडिमेड कपड़े, लेदर, तकनीकी उद्योग, भवन निर्माण सामग्री, हथकरघा, हस्तशिल्प और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए अलग-अलग हिस्से बनाए जाएंगे.
- रोजगार के अवसर: इस परियोजना से 43,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार, 57,000 औद्योगिक क्षेत्र में, और 9,000 वाणिज्यिक रोजगार मिलेंगे. कुल मिलाकर, यह हब 1,09,000 लोगों को रोजगार देगा.
- उद्योगों का बंटवारा: खाद्य प्रसंस्करण के लिए 192.05 एकड़, फर्नीचर के लिए 83.50 एकड़, रेडिमेड कपड़े और लेदर के लिए 192.05 एकड़, तकनीकी उद्योगों के लिए 233.80 एकड़, और अन्य क्षेत्रों के लिए भी अलग-अलग हिस्से तय किए गए हैं.
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा, “हमारा लक्ष्य बिहार को उद्योगों का केंद्र बनाना है. इसके लिए हम लगातार नई जमीनें चिन्हित कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा उद्यम स्थापित हो सकें.”
मुंगेर से मधुबनी तक औद्योगिक विकास की लहर
गया के अलावा बिहार के कई अन्य जिलों में भी औद्योगिक पार्क बन रहे हैं.
- मुंगेर: संग्रामपुर अंचल में 50 एकड़ सरकारी जमीन पर इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो चुका है.
- वैशाली: जनदाहा, राजा पाकड़, और महुआ में 1243.45 एकड़ पर औद्योगिक पार्क बनाए जा रहे हैं.
- मधुबनी और सीतामढ़ी: झंझारपुर और नानपुर-सोनवर्षा में 712 एकड़ जमीन पर काम चल रहा है.
सात पिछड़े जिलों को भी मिलेगा फायदा
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान बिहार के सात पिछड़े जिलों अरवल, जमुई, कैमूर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, और बांका में भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का ऐलान हुआ था. पूरे राज्य में अब तक 21,273.07 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है, जिसमें 18,059.12 एकड़ रैयती और 3,162.88 एकड़ सरकारी जमीन शामिल है. उद्योग विभाग को 457.35 एकड़ जमीन पहले ही मिल चुकी है.
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