इंसान जब टूटता है तो उसे समझ नहीं आता है क्या सही और क्या गलत है. ऐसे में अक्सर इंसान ऐसे कदम उठा लेते है, जिसका किसी ने शायद ही कभी सोचा होगा कि ये ऐसा कुछ कर भी सकता है. दरअसल इन लाइनों को लिखने के पीछे का मकसद बिहार के मुजफ्फपुर से सामने आई एक घटना है, जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया. यहां एक पिता ने अपने 3 बेटी और 2 बेटे के साथ फांसी लगा ली, जिसमें की पिता और 3 बेटियों की मौत हो गई वहीं 2 बेटे बच गए. इस घटना के बाद इलाके में मानिए सनसनी फैल गई है और लोगों के बीच यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. आइए विस्तार से जानते हैं इस दर्दनाक कहानी की पूरी दास्तां.
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पत्नी की मौत से गम में था शख्स
यह मामला मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के रुपनपट्टी मथुरापुर पंचायत अंतर्गत नवलपुर मिश्रौलिया गांव का है. यहां एक पिता ने अपने 5 बच्चों के साथ फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की, जिसमें की पिता समेत 4 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों की पहचान 40 साल के अमरनाथ राम और उनकी 3 बेटियां राधा कुमारी (11), राधिका (9) और शिवानी (7) के रूप में हुई है.
बताया जा रहा कि जनवरी में अमरनाथ की पत्नी की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद वह परेशान रहने लगा था. पत्नी के मौत ने अमरनाथ को भीतर तक तोड़ दिया जिससे की उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई. यह जानकारी भी सामने आई है कि वह इस कदर परेशान रहता था कि कहीं कोई काम भी नहीं करता था.
साड़ी से बनाया था फंदा
अमरनाथ इस कदर टूट चुके थे कि उन्होंने अपने बच्चों के साथ जिंदगी खत्म करने की ठान ली. रविवार की रात में पहले पूरे परिवार ने एक साथ खाना खाया. फिर अमरनाथ ने साड़ी का फंदा बनाया और तीनों बेटियों और दोनों बेटों के साथ ट्रंक पर खड़ा होकर लटक गए. अमरनाथ ने फिर अपने बच्चों को कूदने के लिए कहा तो अमरनाथ के साथ ही उनकी तीनों बेटियां कूद गई.
जबकि 6 साल के बेटे शिवम कुमार को फंदा में होने के कारण दर्द महसूस हुआ तो उसने अपना फंदा ढीला कर दिया. शिवम ने अपने छोटे भाई चंदन(4) को भी बचा लिया और फिर दोनों घर के बाहर निकले और शोर मचाया. बच्चों का शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बाद में पुलिस को सूचना दी गई.
6 साल के शिवम ने बताई पूरी कहानी
मृतक अमरनाथ के बेटे ने बताया कि रात में पूरे परिवार ने अंडा का भुजिया और आलू सोयाबीन के साथ चावल खाया था और खाना उसकी बड़ी बहने ने बनाया था. खाना खाने के बाद रात को पूरा परिवार सो गया लेकिन शिवम मोबाइल देखते रहा. फिर अहले सुबह अमरनाथ ने सबको उठाया और सबको ट्रंक पर चढ़ने को कहा. ट्रंक पर चढ़ने के बाद सब ने फांसी का फंदा लगाया और अमरनाथ ने बच्चों को कूदने के लिए. तभी अमरनाथ के कहने पर सभी साथ में कूद गए.
शिवम भी उनके साथ कूदा, लेकिन फंदे की वजह से गले में दर्द हुआ तो उसने फंदा ढीला किया जिसकी वजह से वह बाहर निकल गया. शिवम ने देखा की उसके छोटे भाई को भी दर्द हो रहा तो उसने उसका फंदा भी ढीला कर उसे बाहर निकाल दिया. फिर बच्चों ने बाहर शोर मचाकर लोगों को बुलाया.
लोगों ने बताई ये बात
इस मामले में मृतक के चाचा सीताराम ने कहा कि सुबह साढ़े 4 बजे उठने के बाद देखें की दोनों बच्चा रो रहा है. जब वहां पहुंचे तो देखा कि अमरनाथ अपनी बेटियों के साथ फंदे पर लटका हुआ है. वहीं एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि पत्नी की मौत के बाद अमरनाथ डिस्टर्ब हो गया था. वह ना तो कमाता था और इधर-उधर घूमते रहता था. जहां से जो मिल गया और राशन के भरोसे उनका दाना-पानी चल रहा था.
वहीं पुलिस को जैसे ही इस मामले की सूचना मिली, वे मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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