Bihar News: पटना में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने बिहार के मंत्री नीरज कुमार बबलू पर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग और आपत्तिजनक बयानबाजी का गंभीर आरोप लगाया है. वीआईपी का एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्य निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर इसकी शिकायत की और कठोर कार्रवाई की मांग की. यह मामला सुपौल में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम से जुड़ा है, जहां मंत्री ने वीआईपी नेता मुकेश सहनी के खिलाफ अनर्गल बयान दिए. आइए, इस विवाद को और करीब से समझते हैं.
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निर्वाचन आयोग में दर्ज हुई शिकायत
14 जुलाई को वीआईपी का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के मुख्य निर्वाचन कार्यालय पहुंचा. इस दल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को एक पत्र सौंपा, जिसमें मंत्री नीरज कुमार बबलू पर 10 जुलाई को सुपौल में आयोजित ‘मछुआरा दिवस’ कार्यक्रम में आपत्तिजनक बयानबाजी का आरोप लगाया गया. पत्र में कहा गया कि यह कार्यक्रम पूरी तरह सरकारी था, लेकिन मंत्री ने इसका इस्तेमाल पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से भरे बयान देने के लिए किया. वीआईपी ने इसे लोकतांत्रिक गरिमा और संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन बताया.
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन
वीआईपी ने अपने पत्र में दावा किया कि मंत्री का यह आचरण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है. इस धारा में सरकारी संसाधनों या मंचों का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना कानूनन वर्जित है. पार्टी का कहना है कि एक मंत्री से अपेक्षा की जाती है कि वह सार्वजनिक मंच पर तटस्थता और प्रशासनिक गरिमा बनाए रखे, लेकिन नीरज बबलू ने अपने पद का दुरुपयोग कर मुकेश सहनी के सम्मान को ठेस पहुंचाई.
मत्स्य संसाधन विभाग को भी पत्र
वीआईपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार के मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव को भी एक पत्र भेजा है. इसमें उन्होंने दोहराया कि मंत्री ने सरकारी मंच का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को नुकसान पहुंचाया. पार्टी ने इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल?
निर्वाचन कार्यालय पहुंचे वीआईपी के प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ नेता डॉ. सुनील कुमार सिंह, प्रो. दिनेश सहनी, मोहम्मद नुरुल होदा, बी के सिंह, देव ज्योति और अर्जुन सहनी शामिल थे. इस दल ने एकजुट होकर मंत्री के खिलाफ स्वतंत्र और उच्चस्तरीय जांच की मांग की, ताकि मामले की सच्चाई सामने आए.
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