Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक बच्चों के भविष्य को चमकाने का बीड़ा उठाया है. स्कूल से लेकर हॉस्टल तक, पढ़ाई से लेकर रोजगार तक, उनकी योजनाएं अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ रही हैं. नीतीश सरकार की तीन बड़ी योजनाएं छात्रावास अनुदान, विद्यार्थी प्रोत्साहन और श्रमशक्ति योजना लाखों बच्चों के सपनों को उड़ान दे रही हैं. आइए जानते हैं, कैसे ये योजनाएं बिहार के अल्पसंख्यक छात्रों के लिए गेम-चेंजर बन रही हैं.
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हॉस्टल में रहकर पढ़ाई, अब बिना चिंता
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक छात्रावास अनुदान योजना के तहत हॉस्टल में रहने वाले अल्पसंख्यक छात्रों को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है. यह राशि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करती है, ताकि वे बिना आर्थिक तनाव के पढ़ाई पर फोकस कर सकें. अब तक इस योजना पर 8.86 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जिससे हजारों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं.
10वीं-12वीं पास, मिलेगा 15,000 तक
2007-08 से शुरू मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना अल्पसंख्यक छात्रों को आगे बढ़ने का हौसला दे रही है. इस योजना में 10वीं में प्रथम श्रेणी से पास करने वाले छात्रों को 10,000 रुपये और 12वीं में प्रथम श्रेणी से पास करने वाली छात्राओं को 15,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलती है. अब तक 10,80,354 छात्र-छात्राओं को 1,189.14 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है.
श्रमशक्ति योजना से उच्च शिक्षा का सपना
2013-14 से शुरू मुख्यमंत्री श्रमशक्ति योजना का मकसद अल्पसंख्यक छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना है. यह योजना सुनिश्चित करती है कि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे न सिर्फ स्कूल तक सीमित रहें, बल्कि कॉलेज और उससे आगे की पढ़ाई भी करें. यह योजना आर्थिक मदद के साथ-साथ छात्रों में आत्मविश्वास भी जगाती है.
बिहार का भविष्य संवार रही नीतीश सरकार
नीतीश कुमार की ये योजनाएं अल्पसंख्यक समुदाय को न केवल शिक्षा का अवसर दे रही हैं, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ रही हैं. इन योजनाओं के जरिए हजारों छात्र-छात्राएं बेहतर शिक्षा पाकर अपने और बिहार के भविष्य को संवार रहे हैं.
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