बिहार चुनाव में ओवैसी ने तेजस्वी से लिया पुराना बदला, AIMIM ने दर्ज की 5 सीटें!

बिहार चुनाव में जहां एनडीए ने भारी जीत दर्ज की है, वहीं सीमांचल में ओवैसी की AIMIM ने पांच सीटें जीतकर अपनी मजबूत पकड़ साबित कर दी. AIMIM ने वे तीन सीटें भी वापस हासिल कीं है जहां 2020 में विधायक आरजेडी में चले गए थे.

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न्यूज तक डेस्क

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों NDA के बेहद शानदार रहे तो महागठबंधन के नतीजे बेहद निराशाजनक साबित हुए. एनडीए ने 202 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया. वहीं, तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन को महज 35 सीटें ही जीत सका. इस चुनावी 'आंधी' में भी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल के इलाके में अपना किला फतह करके सबको चौंका दिया है.

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सीमांचल क्षेत्र में AIMIM ने पांच सीटों पर कब्जा जमाया है. AIMIM के लिए खास बात यह है कि इनमें 3 वो सीटें हैं, जिनपर 2020 में AIMIM के विधायक आरजेडी में चले गए थे..

ओवैसी ने RJD से छीनीं तीन अहम सीटें

AIMIM की इस जीत को 2020 के विधानसभा चुनाव का 'बदला' माना जा रहा है. 2020 में ओवैसी की पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं, लेकिन AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को छोड़कर चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे. उस समय ओवैसी ने तेजस्वी यादव पर उनकी पार्टी को खत्म करने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया था.

इस चुनाव में AIMIM ने उन तीन महत्वपूर्ण सीटों जोकीहाट, कोचाधामन और बायसी पर फिर से कब्जा कर लिया है. इस तरह ओवैसी ने सीधे तौर पर आरजेडी से अपना हिसाब चुकता कर लिया है.

AIMIM के विजयी उम्मीदवार 

  1. जोकीहाट से मुरशिद आलम
  2. बहादुरगंज से तौसीफ आलम
  3. कोचाधामन से सरवर आलम
  4. अमौर से अख्तरुल ईमान
  5. बायसी से गुलाम सरवर

'रिश्ता न खत्म हुआ था, न होगा'- ओवैसी

इस बड़ी जीत के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह जीत उनकी नहीं, बल्कि 'सीमांचल की अवाम और अल्लाह की रहमत' की देन है. उन्होंने कहा कि अफवाहों और 'बी-टीम' के टैग के बावजूद जनता ने उन पर दोबारा भरोसा जताया है. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि "रिश्ता न खत्म हुआ था, न होगा. जब तक ओवैसी जिंदा है और उसके बाद भी रहेगा."

तेजस्वी पर ओवैसी का निशाना

चुनाव में RJD को मिली करारी हार पर तंज कसते हुए ओवैसी ने तेजस्वी यादव पर तीखा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, "जो इंसान अपने बड़े भाई को न मना सके वो बिहार की जनता को क्या जोड़ेगा?" ओवैसी ने खुद को 'राजनीति की लैला' बताते हुए कहा कि अगर उन पर पत्थर भी मारे जाएंगे तो भी वह सह लेंगे.

 

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