पटना समेत 13 नगर निकायों में गंदगी का सफाया, अब कचरे से बनेगी बिजली और गैस

पटना और आसपास के 13 नगर निकायों के लिए 514.59 करोड़ की ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना को मंजूरी मिली. अब रोज 1600 टन कचरे से बिजली और बायोगैस बनेगी.

Bihar News
प्रतीकात्मक तस्वीर

NewsTak

• 06:59 PM • 16 Aug 2025

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अब जल्‍द ही राजधानी पटना की गंदगी का सफाया होने वाला है. इतना ही नहीं राजधानी पटना सहित आस पास के 13 नगर निकायों में फैला कचरे की सफाई का प्रबंध कर लिया है. जल्‍द ही पटना स्‍वच्‍छ और साफ सुथरी राजधानी बनेगा. इसके लिए बिहार सरकार ने कचरा प्रबंधन की तैयारी कर ली है.

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514.59 करोड़ रुपये से होगा कचरा प्रबंधन

सरकार के कचरा प्रबंधन से अब गंदगी ओर दुर्गंध फैलाने वाली गंदगी उपयोगी होगी. इससे बिजली बनेगी और घरों में चूल्‍हा भी जलेगा. दरअसल, नीतीश सरकार ने कैबिनेट के फैसले में लोक-निजी भागीदारी (PPP) मोड में 514.59 करोड़ रुपये की लागत से ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना को मंजूरी दे दी है.

इन नगर निकायों को मिलेगा फायदा

नीतीश कैबिनेट की ओर बुधवार को इस प्रोजेक्ट का मंजूर कर लिया है. जिससे पटना, दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, संपतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर, पुनपुन और खुसरूपुर का कचरा एक जगह इकट्ठा कर रामचक बैरिया में वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया जाएगा. जिससे न केवल राजधानी पटना चकाचक होगी बल्कि 12 नगर निकायों की बदबू और गंदगी भी साफ होगी.

देश में पहली बार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए VGF फंडिंग

बताते चलें कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब केंद्र सरकार ने किसी राज्य को सामाजिक आधारभूत परियोजना के तहत ठोस कचरा प्रबंधन के लिए वीएबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) देने का फैसला किया है. इसके तहत बिहार को 154.38 करोड़ रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा. खास बात यह है कि अगर परियोजना में 30 फीसद से अधिक VGF की जरूरत पड़ी, तो अंतर की राशि राज्य सरकार अपने रिंगफेंस खाते से देगी.

रोज 1600 टन कचरे का होगा प्रोसेसिंग

कचरा प्रबंधन के लिए संयंत्र रामचक बैरिया में लगाया जाएगा, जहां हर दिन 1600 टन कचरे की प्रोसेसिंग की जाएगी. यह संयत्र न सिर्फ कचरे का निस्‍तारण करेगा बल्कि 15 मेगावाट बिजली भी तैयार करेगा. इससे राजधानी पटना की जरूरतों को पूरा किया जाएगा.

कमाई का रास्‍ता भी खोलेगा कचरा

इस कचरा प्रबंधन संयंत्र के लगने के बाद कचरा इतना उपयोगी हो जाएगा कि यह न बिजली उत्‍पादित करेगा बल्कि बायोगैस अभी बनाएगा. यह संयंत्र 100 टन प्रतिदिन बायो-मिथेनेशन करेगा. इससे बनी बायो गैस को घरों तक पहुंचाया जाएगा. इसके अलावा खेतों के लिए खाद भी तैयार होगा. सरकार का मानना है कि यह प्रोजेक्ट पटना और उसके आसपास के इलाकों को साफ-सुथरा रखने के साथ-साथ, कचरे से कमाई का रास्ता भी खोलेगा.

फायदा क्या होगा?

  • शहरों में सड़कों और गलियों में फैला कचरा खत्म होगा.
  • गंदगी और दुर्गंध से मिलेगी राहत.
  • बिजली और बायोगैस उत्पादन से ऊर्जा की अतिरिक्त आपूर्ति होगी.
  • पटना और आसपास के शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार होगा.

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