मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम अब नए स्वरूप में श्रद्धालुओं का स्वागत करेगी. बिहार सरकार ने सीतामढ़ी में स्थित इस पवित्र तीर्थ को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरह भव्य बनाने की योजना शुरू कर दी है. इसके लिए बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने निविदा जारी कर दी है. यह कदम न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि बिहार को रामायण सर्किट का प्रमुख केंद्र बनाएगा. आइए जानते हैं इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में.
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882.87 करोड़ की योजना को मंजूरी
1 जुलाई को बिहार मंत्रिपरिषद ने पुनौराधाम के समग्र विकास के लिए 882.87 करोड़ रुपये की योजना को हरी झंडी दी. इस योजना में मंदिर की मौजूदा संरचना का उन्नयन, नए भवनों का निर्माण, पर्यटकीय सुविधाओं का विकास और 10 साल तक संचालन व प्रबंधन शामिल है. यह परियोजना रामायण सर्किट के तहत पुनौराधाम को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित करेगी.
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को न्योता
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की निर्माण एजेंसियों को निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है. निविदा आमंत्रण 11 जुलाई से शुरू होगा, जबकि 24 जुलाई को प्री-बिड मीटिंग होगी. निविदा अपलोड करने की अंतिम तारीख 7 अगस्त (दोपहर 3 बजे तक) है, और 8 अगस्त को निविदा खोली जाएगी. चयनित एजेंसी को 42 महीनों में सभी निर्माण कार्य पूरे करने होंगे.
ईपीसी मॉडल पर होगा काम
यह परियोजना ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) मॉडल पर आधारित है. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम इसकी निविदा प्रकाशन, निष्पादन और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेगा. योजना का लक्ष्य पुनौराधाम को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक और आकर्षक बनाना है, साथ ही पर्यटन के जरिए स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है.
रामायण सर्किट का प्रमुख केंद्र बनेगा पुनौराधाम
पुनौराधाम को रामायण सर्किट के मुख्य स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है. मंदिर परिसर के उन्नयन और पर्यटकीय सुविधाओं के विकास से यह स्थल देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा. यह परियोजना बिहार की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी.
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