Bihar News: बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है. लघु जल संसाधन मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष सुमन ने राजद और कांग्रेस पर सीमांचल में साम्प्रदायिकता भड़काकर वोटों का ध्रुवीकरण करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि इंडी गठबंधन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ मिलकर बिहार में सियासी खेल खेलने की फिराक में है. आइए जानते हैं, क्या है यह पूरा मामला.
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ओवैसी के साथ गठजोड़ का दावा
डॉ. संतोष सुमन ने कहा कि राजद और कांग्रेस सीमांचल में अल्पसंख्यक वोटों को अपने पाले में करने के लिए ओवैसी का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने पटना में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित एक सम्मेलन में तेजस्वी यादव के बयानों को तुष्टिकरण की कोशिश बताया. सुमन का कहना है कि इसका मकसद वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा नहीं, बल्कि वोटों का ध्रुवीकरण है.
सीमांचल में वोटों की गणित
सुमन ने बताया कि सीमांचल के चार जिलों में मुस्लिम वोटरों की अच्छी-खासी तादाद है. किशनगंज में 67%, कटिहार में 38%, अररिया में 32% और पूर्णिया में 30% मुस्लिम मतदाता हैं. उनका आरोप है कि राजद-कांग्रेस इस इलाके में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कर अल्पसंख्यक वोटों को हासिल करना चाहते हैं, साथ ही बहुसंख्यक समुदाय में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
सामाजिक तनाव का खतरा
डॉ. सुमन ने चेतावनी दी कि राजद-कांग्रेस का यह कथित गठजोड़ सीमांचल को अशांत करने और सामाजिक विद्वेष फैलाने की साजिश है. उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे नेताओं का साथ लेकर ये दल भड़काऊ भाषणों के जरिए साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं. सुमन ने बिहार की जनता से ऐसे "मौकापरस्त" नेताओं से सावधान रहने की अपील की.
बिहार की जनता को चेतावनी
डॉ. संतोष सुमन ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को उठाकर सियासी माहौल को गर्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि सीमांचल की शांति और सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए जनता को जागरूक रहना होगा. यह विवाद क्या बिहार की सियासत में नया मोड़ लाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा.
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