1 अक्टूबर से बदल जाएंगे 6 जरूरी नियम, आधार कार्ड, TDS रेट्स समेत इन नियमों में होंगे बदलाव

Big Tax changes: STT, Aadhaar Card Rules, Revised TDS rates: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट (Union Budget 2024) में इनकम टैक्स को लेकर कई बदलाव किए. इनमें कई ऐसे बदलाव हैं, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएंगे.

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ललित यादव

28 Sep 2024 (अपडेटेड: 28 Sep 2024, 05:08 PM)

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Big Tax changes: STT, Aadhaar Card Rules, Revised TDS rates: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट (Union Budget 2024) में इनकम टैक्स को लेकर कई बदलाव किए. इनमें कई ऐसे बदलाव हैं, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएंगे. इन बदलावों का टैक्सपेयर्स और निवेशकों पर असर देखने को मिलेगा. आइए देखते हैं, कौन-कौन से बदलाव होंगे.

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1. डायरेक्‍ट टैक्‍स विवाद से विश्‍वास स्‍कीम

डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम (Direct Tax Vivad se Vishwas Scheme) सरकार द्वारा पेश किया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य करदाताओं और सरकार के बीच चल रहे विवादों का त्वरित समाधान करना है. यह स्कीम केंद्रीय बजट 2020-21 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत की गई थी.इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य करदाता और आयकर विभाग के बीच उत्पन्न विवादों को सुलझाना है, ताकि कानूनी प्रक्रियाओं में फंसी बड़ी राशि को मुक्त किया जा सके. डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगी. 

2. आधार कार्ड को लेकर बदलाव

पैन (Permanent Account Number) की दुरुपयोग और डुप्लिकेशन की समस्याओं को कम करने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. 1 अक्टूबर 2023 से पैन आवेदन और आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए आधार एनरोलमेंट आईडी का उपयोग नहीं किया जा सकेगा. इसके स्थान पर अब केवल वैध आधार नंबर ही स्वीकार्य होगा.

3. सिक्‍योरिटी ट्रांजेक्‍शन टैक्‍स (STT) 

बजट 2024 में वित्त मंत्री ने सिक्योरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है. अब STT फ्यूचर्स पर 0.02% और ऑप्शंस पर 0.1% कर दिया गया है. यह बढ़ोतरी 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगी. इसका मुख्य उद्देश्य शेयर बाजार में आय के स्रोतों को मजबूती देना और कर संग्रह को बढ़ाना है. फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रांजैक्शन पर कर की इस बढ़ोतरी का सीधा असर निवेशकों और व्यापारियों पर पड़ेगा, विशेषकर उन पर जो बड़े पैमाने पर डेरिवेटिव्स का व्यापार करते हैं. इससे ट्रेडिंग कॉस्ट में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ निवेशक अपने निवेश स्ट्रेटेजी में बदलाव कर सकते हैं.

4. फ्लोटिंग TDS रेट्स 

बजट 2024 में  फ्लोटिंग TDS रेट्स को लेकर भी बदलाव किया गया. जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के बॉन्ड्स पर, जिसमें फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स शामिल हैं, 10% TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटे जाने का निर्णय लिया गया है. यह नियम निवेशकों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है

फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स एक प्रकार के वित्तीय साधन हैं, जिनमें ब्याज दरें बाजार के स्थिति के आधार पर बदलती रहती हैं. इन बॉन्ड्स में निवेशकों को मौजूदा बाजार दरों का लाभ मिलता है, जिससे वे महंगाई या ब्याज दरों में हो रहे परिवर्तनों से प्रभावशाली सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं. इसके बावजूद, नए नियम में कहा गया है कि यदि किसी निवेशक की सालाना आय 10,000 रुपये से अधिक होती है, तो उन्हें प्राप्त होने वाली ब्याज पर 10% TDS काटा जाएगा. यह नियम सिर्फ फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स ही नहीं, बल्कि सभी प्रकार के सरकारी बॉन्ड्स पर लागू होगा. हालांकि, यदि किसी निवेशक की सालाना आय 10,000 रुपये से कम है, तो इस आय पर TDS नहीं लगाया जाएगा. 

6. शेयर बायबैक 

1 अक्टूबर से सरकार ने शेयर बायबैक (Share Buyback) के नए नियम लागू होंगे, जिसके तहत अब शेयरधारक स्तर पर भी कर लगाया जाएगा. यह निर्णय उसी तरह लागू होगा जैसे डिविडेंड पर कर लगता है. इस नए कर से निवेशकों पर कर का बोझ बढ़ेगा.

शेयर बायबैक एक प्रक्रिया है जिसमें एक कंपनी अपने शेयरधारकों से अपने ही शेयर वापस खरीदती है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य कंपनी के शेयर बाजार में मूल्य को स्थिर करने और निवेशकों को तुरंत लाभ देने का होता है. लेकिन अब इस प्रक्रिया पर भी कर शामिल होने से निवेशकों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ेगा.

इस नए नियम के तहत, शेयर खरीदने की लागत और उसे बेचने से होने वाले कैपिटल गेन या लॉस को कैलकुलेशन में शामिल किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर, अगर एक निवेशक ने 100 रुपये प्रति शेयर की दर से शेयर खरीदे और कंपनी ने बायबैक के तहत उन्हें 150 रुपये प्रति शेयर की दर से वापस खरीदा, तो निवेशक को इस 50 रुपये के लाभ पर कर देना होगा. यह कर निवेशकों के मौजूदा लाभ को कम कर देगा और उन्हें अपने निवेश की रणनीति पर पुनः विचार करने के लिए मजबूर करेगा.
 

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