8th Pay Commission:लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की तारीख सामने आ गई है. केंद्र सरकार ने पहले ही 16 जनवरी 2025 को आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी और अब इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएंगी. इससे करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को बड़ा फायदा होगा.
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सरकारी नौकरी की सबसे बड़ी खासियत होती है सैलरी और सिक्योरिटी, और अब जब 8th Pay Commission लागू होगा तो सरकारी मुलाज़िमों की तनख्वाह में जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा. ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक चपरासी की बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकती है, वहीं सीनियर अफसरों की बेसिक सैलरी ₹2.5 लाख से सीधा ₹7.15 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है.
कौन-कितनी सैलरी पाएगा? (New Salary Chart)
लेवल | पुरानी सैलरी | नई अनुमानित सैलरी |
लेवल 1 (चपरासी) | ₹18,000 | ₹51,480 |
लेवल 2 (LDC) | ₹19,900 | ₹56,914 |
लेवल 3 (कॉन्स्टेबल) | ₹21,700 | ₹62,062 |
लेवल 18 (IAS/सेक्रेटरी) | ₹2,50,00 | ₹7,15,000 |
पेंशन भी बढ़ेगा
इसी तरह मिनिमम पेंशन 9000 रुपये से बढ़कर 25 हजार 740 हो सकती है. आठवें वेतन आयोग से इतना मिलने जा रहा है कि लोग कहना बंद कर सकते हैं कि प्राइवेट जॉब को ज्यादा मिलता है.
क्या है फिटमेंट फैक्टर और कितना असर पड़ेगा?
अभी इसमें एक पेंच ये बचा है फिटमेंट फैक्टर का. फिटमेंट फैक्टर कितना होगा, इस पर कर्मचारी यूनियन और सरकार के बीच थोड़ी खींचतान चल रही है. फिटमेंट फैक्टर वो फॉर्मूला है जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी फिक्स होती है.
बेसिक सैलरी | फिटमेंट फैक्टर | नई सैलरी |
₹18,000 | 2.57 | ₹34,560 |
₹18,000 | 2.86 | ₹51,480 |
ऐसे होगा कैलकुलेशन
इसका कैलकुलेशन ऐसे हो सकता है कि बेसिक सैलरी 18 हजार है. फिटमेंट फैक्टर 2.57 हुआ तो कैलकुलेशन होगा 18000x2.57=25 हजार 700 रुपये. यूनियनों की मांग है कि फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 हो और न्यूनतम सैलरी ₹26,000 से नीचे न जाए.
DA मर्ज करने का भी प्लान
फिलहाल सरकार कर्मचारियों को 53% महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) दे रही है, जो साल के अंत तक 59% तक पहुंच सकता है. वेतन आयोग लागू होने से सरकार महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी के साथ मर्ज कर सकती है.
इस पर भी विचार चल रहा है कि लेवल 1 को लेवल 2 के साथ, लेवल 3 को लेवल 4 के साथ और लेवल 5 को लेवल 6 के साथ मर्ज कर दिया जाए. इससे भी सैलरी बढ़ने का स्कोप बनता है. ऐसा हुआ तो लेवल 1 की मिनिमम 18 हजार की सैलरी सीधे 19 हजार 900 हो जाएगी.
राज्य कर्मचारियों को भी होगा फायदा
हालांकि वेतन आयोग केंद्र सरकार के लिए बनता है, लेकिन इसके आधार पर राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर को बदलती हैं. वेतन आयोग हर 10 साल में बनता है. पिछली बार 2014 में बना था. उसकी सिफारिशें 2016 से लागू हुई थी.
केंद्र सरकार में डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर वेतन आयोग के मामले देखता है जो वित्त मंत्रालय का ही एक डिपार्टमेंट है. एक जनवरी से वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की बात कही जा रही है लेकिन अभी तक वेतन आयोग में नियुक्तियां हुई नहीं हैं.
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