आठवें वेतन आयोग का इंतजार सभी सरकारी कर्मचारियों को बेसब्री से है. महंगाई की मार झेलते हुए हर अपडेट पर नजर टिकी हुई है. खासकर ट्रेड स्टाफ जैसे कर्मचारियों के लिए ये 8वां वेतन आयोग वरदान साबित हो सकता है. अब सवाल ये है कि ट्रेड स्टाफ क्या होता है और आठवें वेतन आयोग से उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है?
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Personal Finance की इस सीरीज में हम ट्रेड स्टॉफ और उनकी सैलरी को लेकर पूरा विस्तार से बताने जा रहे हैं. 8वें वेतन आयोग से उनको कितना फायदा पहुंचने वाला है इसपर भी चर्चा करेंगे.
कौन हैं ट्रेड स्टाफ?
ट्रेड स्टाफ या ट्रेड्समैन वे सरकारी कर्मचारी होते हैं जो तकनीकी, मरम्मत, निर्माण या मेंटेनेंस जैसे काम करते हैं. इनका काम कौशल वाला (Skill based) होता है. ये दूसरे कर्मचारियों की तरह ऑफिस जॉब नहीं करते हैं. यूं कहें तो ये ह्वाइट कॉलर जॉब वाले नहीं होते हैं.
किन विभागों में होते हैं ट्रेड स्टाफ
रक्षा मंत्रालय
- सेना, नौसेना, वायुसेना के सिविलियन वर्कर्स.
- ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, DRDO, MES (Military Engineer Services) आदि में काम करने वाले कर्मचारी.
जैसे- इलेक्ट्रिशियन, फिटर, मैकेनिक, कारपेंटर, पेंटर, वेंडर वगैरह.
रेलवे
- लोको फिटर, वेल्डर, टेक्निशियन,वायरमैन, कारपेंटर, प्लंबर वगैरह.
- यानी वे कर्मचारी जो इंजन, कोच या सिग्नलिंग सिस्टम की मरम्मत करते हैं.
PSU / सरकारी संस्थान
- भेल, NTPC, ओएनजीसी, इसरो में तकनीकी सपोर्ट स्टाफ.
- इनमें प्लांट मेटिनेंस, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग से जुड़े स्टाफ, फिटिंग से जुड़े कर्मी.
ये किस पे-लेवल में होते हैं?
7वें वेतन आयोग के मुताबिक आम तौर पर ट्रेड स्टाफ लेवल-1 से लेवल-3 ग्रेड पे बैंड में आते हैं. इसमें लेवल ₹18,000 बेसिक सैलरी, लेवल 2 में ₹19,900 और लेवल 3 में ₹21,700 बेसिक पे होता है. ट्रेड स्टाफ को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है पर सैलरी को लेकर ये अक्सर परेशान ही रहते हैं. बढ़ती महंगाई में परिवार चलाना इनके लिए चुनौतिपूर्ण होता है. ऐसे में 8वां वेतन आयोग इनके लिए बड़ी सौगात लेकर आ सकता है. यूं कहें तो इनके लिए संजीवनी हो सकता है.
वेतन आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी, पेंशन और भत्तों की समीक्षा करता है. सातवें वेतन आयोग ने 2016 में लागू होकर सैलरी में 2.57 गुना फिटमेंट फैक्टर दिया था, जिससे न्यूनतम सैलरी 7,000 से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई, लेकिन महंगाई बढ़ने से ये पर्याप्त नहीं रही.
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
आठवें वेतन आयोग का गठन जनवरी 2025 में कैबिनेट ने मंजूर किया और इसे जनवरी 2026 से लागू करने की बात की गई, लेकिन पेंच ये है कि अभी तक वेतन आयोग का गठन तक नहीं हुआ है. यदि आज के डेट में गठन शुरू होगा तब भी कम से कम डेढ़ से दो साल वेतन फाइनल होने और लागू होने में लग जाएंगे. हालांकि माना जा रहा है कि इसमें कर्मचारियों को 1 जनवरी 2026 से एरियर मिल सकेगा. यहां जानिए पूरी डिटेल
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर ही सैलरी बढ़ोतरी का राजा है. ये एक गुणक होता है जो पुरानी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी निकालता है. सातवें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर था जो अब अनुमान है कि ये 1.83 से 2.86 तक हो सकता है. अगर 2.86 हो गया तो बढ़ोतरी 30-34 प्रतिशत तक पहुंच सकती है. लेकिन महंगाई भत्ता यानी DA जो अभी 55 प्रतिशत है, वो जीरो हो जाएगा और बेसिक में मिला लिया जाएगा. इससे कुल सैलरी हाइक थोड़ा कम लगेगा, लेकिन कुल मिलाकर फायदा ही होगा.
ट्रेड स्टाफ के लिए खास बात
लेवल-3 पर मौजूदा बेसिक 21,700 रुपये है. आठवें आयोग के बाद ये 62,062 रुपये तक पहुंच सकता है. यानी करीब 40,000 रुपये की बढ़ोतरी! ये फिटमेंट फैक्टर 2.86 के आधार पर है.
ये है कैलकुलेशन
पुरानी सैलरी में डीए जोड़कर फिर फिटमेंट लगाएं. उदाहरण के लिए अगर आपका बेसिक 21,700 है और डीए 55% तो कुल 33,635 रुपए. अब 2.86 गुणा करने पर नई सैलरी बनेगी. लेकिन रिपोर्ट्स कहती हैं कि ट्रेड स्टाफ को इतना फायदा मिलेगा. इससे इनकी जिंदगी आसान हो जाएगी, घर का खर्च, बच्चों की पढ़ाई सब संभव होगा.
अन्य लेवल्स पर भी नजर डालें
लेवल-1 के कर्मचारी जैसे चपरासी या सपोर्ट स्टाफ की सैलरी 18,000 से बढ़कर 51,480 हो सकती है. यानी 33,480 का इजाफा. लेवल-2 पर 19,900 से 56,914, यानी 37,000 के करीब बढ़ोतरी. ऊपरी लेवल्स पर भी वैसा ही असर. पेंशनर्स को भी न्यूनतम पेंशन 9,000 से 25,740 तक बढ़ सकती है. भत्ते जैसे हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), ट्रांसपोर्ट अलाउंस भी रिवाइज होंगे. कुछ पुराने भत्ते खत्म हो सकते हैं, लेकिन बेसिक बढ़ने से कुल कमाई अच्छी होगी.
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