नौकरी हो या बिजनेस, हर किसी का सपना होता है कि उसका एक खुद का घर हो. मेट्रो सिटी में रहने वाली 36 वर्षीय आकांक्षा भी यही चाहती हैं. वो एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं और लंबे समय से किराए के मकान में रह रही हैं, लेकिन एक डर उन्हें हमेशा रोकता है- EMI का बोझ और नौकरी की अनिश्चितता. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या आकांक्षा को घर खरीदने का जोखिम लेना चाहिए?
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सही फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ आकांक्षा न सिर्फ घर खरीद सकती हैं, बल्कि उसमें मौज से रह भी सकती हैं. इसके लिए उन्हें बस कुछ जरूरी कदम पहले से उठाने होंगे- जैसे इमरजेंसी फंड तैयार करना, सिबिल स्कोर को चेक करना और EMI का प्रॉपर कैलकुलेशन करना.
कितना महंगा हो घर? ऐसे करें सैलरी से हिसाब
घर की कीमत तय करने के लिए एक सिंपल फॉर्मूला है- अपनी सालाना सैलरी का 4 से 5 गुना. आकांक्षा की सालाना इनकम है ₹9.60 लाख. ऐसे में वो ₹38 लाख से ₹48 लाख तक की प्रॉपर्टी खरीद सकती हैं.
लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वे पहले से डॉऊन पेमेंट और इमर्जेंसी फंड की व्यवस्था कर लें. आकांक्षा के पास ₹20 लाख डॉऊन पेमेंट के लिए हैं, और वे ₹28 लाख का लोन लेना चाहती हैं.
EMI कितनी होनी चाहिए?
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आपकी EMI, टेक होम सैलरी का 35-40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. आकांक्षा की मंथली इनकम ₹80,000 है, और ₹28 लाख के लोन पर 15 साल की अवधि में उन्हें हर महीने करीब ₹26,600 EMI देनी होगी, जो उनकी इनकम का सिर्फ 33.25% हिस्सा है.
इमर्जेंसी फंड क्यों है जरूरी?
प्राइवेट जॉब में काम करने वालों के लिए जॉब सिक्योरिटी एक बड़ी चिंता होती है. इसलिए आकांक्षा को घर खरीदने से पहले कम से कम 6 महीने की EMI के बराबर इमर्जेंसी फंड (₹1.6 लाख) तैयार करना चाहिए. बेहतर होगा कि वो इसे एक साल के लिए यानी ₹3.2 लाख तक बढ़ा लें, जिसे वे FD या RD में रख सकती हैं.
सही लोकेशन का चुनाव भी जरूरी
घर या फ्लैट लेते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि लोकेशन के आसपास स्कूल, अस्पताल, बाजार और अच्छी रोड कनेक्टिविटी हो. इससे भविष्य में प्रॉपर्टी का रेट भी अच्छा रहेगा और रहना भी सुविधाजनक होगा.
सिबिल स्कोर अच्छा होगा तो लोन सस्ता मिलेगा
होम लोन लेने से पहले आकांक्षा को अपना सिबिल स्कोर जरूर चेक करना चाहिए. अच्छा स्कोर (750+) होने पर बैंक कम ब्याज दर पर लोन देने को तैयार होते हैं. साथ ही, वे बेहतर डील पाने के लिए अलग-अलग बैंकों से भी ऑफर्स की तुलना कर सकती हैं.
आकांक्षा का मंथली बजट प्लान
| खर्च का नाम | अमाउंट (₹) |
| EMI | 26,600 |
| घर का जरूरी खर्च | 25,000 |
| बिजली, पानी, गैस | 3,000 |
| यात्रा/ईंधन | 3,000 |
| मोबाइल/इंटरनेट | 2,000 |
| स्वास्थ्य/बीमा/मनोरंजन | 7,000 |
| बचत व फ्लेक्सिबिलिटी | 5,400 |
| इमर्जेंसी फंड (घर के लिए) | 8,000 |
निष्कर्ष
अगर आकांक्षा घर खरीदने से पहले इमर्जेंसी फंड तैयार कर लें, तो घर लेने के बाद वो हर महीने ₹8,000 का SIP या लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट शुरू कर सकती हैं. यानी घर खरीदना न सिर्फ उनका सपना पूरा करेगा बल्कि ये एक समझदारी भरा फाइनेंशियल डिसीजन भी होगा.
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