नौकरी करने वाले ज्यादातर युवाओं को पता होता है कि उनकी सैलरी से हर महीने PF (Provident Fund) कटता है, लेकिन इसमें पेंशन के लिए भी कंट्रीब्यूशन होता है ये बहुत कम लोगों को पता होता है. EPFO (Employees Provident Fund Organisation) संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सिर्फ PF ही नहीं, बल्कि पेंशन और बीमा जैसी सामाजिक सुरक्षा भी देता है.
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हालांकि पेंशन को लेकर कुछ नियम और शर्तें हैं. ये जानना बहुत जरूरी है. यदि इसे आपने मिस किया तो पेंशन कंट्रीब्यूशन के बाद भी आप इस आजीवन सुविधा से महरूम रह जाएंगे.
Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको 23 साल के अक्षत की कहानी से पेंशन की पूरी गणित समझा रहे हैं. इससे आपको भी साफ हो जाएगा कि आपकी सैलरी से PF कैसे कटता है, उसमें से EPS (Employee Pension Scheme) के लिए कितना पैसा जाता है और रिटायरमेंट पर आखिरकार आपको पेंशन कितनी मिलेगी?
EPFO पेंशन स्कीम क्या है?
- कर्मचारी के भविष्य निधि (EPF) में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों बेसिक सैलरी + DA का 12-12% योगदान करते हैं.
- कर्मचारी का पूरा 12% सीधे PF खाते में जाता है.
- नियोक्ता का 12% दो हिस्सों में बंटता है.
- 8.33% पेंशन (EPS) में.
- बाकी EPF खाते में.
लेकिन EPS का एक नियम है- बेसिक सैलरी+ DA को अधिकतम 15,000 ही माना गया है. यानी अगर आपकी सैलरी इससे ज्यादा भी है, तो भी EPS में अधिकतम 15,000 का 8.33% यानी ₹1,250 ही कंट्रीब्यूट होगा.
अक्षत की सैलरी और PF कंट्रीब्यूशन की गणित समझिए
- अक्षत की उम्र: 23 साल
- बेसिक+ DA: ₹25,000
- कर्मचारी का योगदान (12%) = ₹3,000 (सीधे PF में)
- नियोक्ता का योगदान (12%) = ₹3,000 लेकिन इसमें से
- EPS (8.33%) = ₹1,250 (जोअधिकतम मान्य है)
- बाकी PF में = ₹1750 रुपए जमा होगा.
कैलकुलेशन
- कुल PF कंट्रीब्यूशन (Employee+Employer) = ₹4750 प्रति माह
- EPS कंट्रीब्यूशन = ₹1,250 प्रति माह
अक्षत का रिटायरमेंट फंड
अगर मान लें कि अक्षत की बेसिक सैलरी में हर साल न्यूनतम 3% इन्क्रीमेंट हो रहा हो और PF पर औसतन 8 फीसदी ब्याज मिले, तो 58 साल की उम्र में (35 साल की नौकरी के बाद) अक्षत को करीब ₹1.58 करोड़ का PF फंड मिलेगा.
पेंशन की गणित समझिए
- पेंशन के लिए EPFO का फार्मूला है- (पेंशन के योग्य वेतन × नौकरी के साल) ÷ 70
- पेंशन योग्य वेतन यानी आखिर के 60 महीने की औसत बेसिक + DA (EPS के लिए अधिकतम ₹15,000 ही माना जाएगा)
- पेंशन योग्स सर्विस = नौकरी के साल (यहां 35 साल)
- तो, पेंशन प्रति माह बनेगी = (15,000 × 35) ÷ 70 = ₹7500 (लगभग)
- यानी अक्षत को 58 साल की उम्र से हर महीने ₹7500 पेंशन मिलेगी जो आजीवन होगी.
सवाल: इस पेंशन के दूसरे लाभ भी हैं...जैसे पेंशन पाने वाले बुजुर्ग का यदि निधन हो जाए तो पेंशन परिवार के दूसरे नॉमिनी को ट्रांसफर होता है? इसके लिए पेंशन के प्रकार को समझिए...
पेंशन के अन्य प्रकार भी जान लीजिए
अर्ली पेंशन (50 साल की उम्र से ही)
- अगर अक्षत 58 साल से पहले यानी 50 की उम्र से पेंशन लेना चाहते हैं तो हर साल 4% कटौती यानी कुल 32 फीसदी कटौती होगी.
- 8 साल पहले लेने पर पेंशन (7500×32%) = ₹2400. 7500-2400 = 5100 रुपए प्रति माह ही मिलेगा.
विधवा पेंशन (Widow Pension)
- नौकरी के दौरान पेंशन पाने वाले कर्मचारी (पुरूष/स्त्री) मृत्यु हो जाने पर उनकी पत्नी/पति को आजीवन पेंशन मिलेगी.
- पेंशन की राशि वही होगी जो उसके पति/पत्नी को मिल रही थी यानी सुपरनुएशन पेंशन मिलेगी.
सुपरनुएशन पेंशन क्या है?
- पात्रता: 58 वर्ष की आयु पूरी करने और कम से कम 10 वर्ष की सेवा अवधि.
- पेंशन शुरू होगी: 58 वर्ष की आयु के बाद.
- माना कि सेवा अवधि 35 साल की है तो पेंशन मिलेगा- (15000×35)/70= ₹7500 (लगभग)
चिल्ड्रेन पेंशन (Children Pension)
- नॉमिनी पत्नी या पति को पेंशन के साथ 2 बच्चों को पेंशन का 25-25% अतिरिक्त पेंशन मिलेगी.
- जैसे अगर पत्नी को ₹7500 मिल रहा है तो बच्चों को ₹1875 प्रति बच्चा मिलेगा.
- बच्चों को ये पेंशन उनकी 25 साल की उम्र तक मिलेगी.
ऑर्डिनरी या इनहांस्ड फैमिली पेंशन (Ordinary/Enhanced Family Pension)
- अगर मृत्यु सेवा के 7 साल से पहले होती है तो नॉमिनी को न्यूनतम ₹1,000 पेंशन मिलेगी.
- 7 साल से ज्यादा सेवा होने पर पहले 7 साल तक पूरी पेंशन और बाद में ₹1,000 आजीवन मिलेगा.
सवाल: पेंशन पाने के लिए मिनिमम सेवा कितने साल की होनी चाहिए?
जवाब: इसके लिए कम से कम 10 तक EPF कंट्रीब्यूशन होना चाहिए. इसके बाद कर्मचारी 58 साल की उम्र से सुपरनुएशन पेंशन का हकदार होगा. वहीं यदि किसी कर्मचारी की डेथ हो जाती है और उसने महज 1 महीने या उससे ज्यादा नौकरी की है तो वो पेंशन का हकदार है. 1 महीने से कम जॉब में उसकी नॉमिनी को पेंशन नहीं मिलेगा. यही नियम विकलांगता के लिए भी लागू है.
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