सोने की कीमतें छू सकती हैं नया रिकॉर्ड, 1 लाख पार हो सकता है गोल्ड! WGC की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा!

WGC Report: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताजा रिपोर्ट ने सोने की कीमतों को लेकर ऐसी भविष्यवाणी की है, जो निवेश बाजार में हलचल मचा सकती है.

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ललित यादव

20 Jul 2025 (अपडेटेड: 20 Jul 2025, 02:06 PM)

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WGC Report: ग्लोबल इकोनॉमी में उथल-पुथल, बढ़ती महंगाई और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच सोना एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताजा रिपोर्ट ने सोने की कीमतों को लेकर ऐसी भविष्यवाणी की है, जो निवेश बाजार में हलचल मचा सकती है.

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WGC का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमतें 3,839 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं. यह 40% की सालाना बढ़त का संकेत है, बशर्ते वैश्विक आर्थिक हालात और बिगड़ें. लेकिन क्या यह भारत के निवेशकों के लिए सुनहरा मौका है या फिर जोखिम भरा दांव? आइए जानते हैं.

सोने की चमक क्यों बढ़ रही है?

WGC की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वैश्विक मंदी, महंगाई और जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ती है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश की तलाश में सोने की ओर दौड़ पड़ेंगे. ऐसे में सोने की मांग बढ़ने से कीमतें 15% तक उछल सकती हैं. इसका मतलब है कि जो निवेशक आज सोने में पैसा लगाएंगे, उन्हें 2025 के अंत तक 40% तक रिटर्न मिल सकता है. यह रिटर्न शेयर बाजार के औसत प्रदर्शन से कहीं ज्यादा है.

तीन संभावनाएं: बुल, बेस और बेयर केस

1. बुल केस (Bull Case)

अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्टैगफ्लेशन (महंगाई और मंदी का एक साथ बढ़ना) जैसी स्थिति बनती है और जियो पॉलिटिकल टेंशन चरम पर पहुंचती है, तो सोने की मांग में भारी उछाल आएगा. इस स्थिति में कीमतें 3,839 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं. यह निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल स्थिति होगी.

2. बेस केस (Base Case):

अगर वैश्विक हालात न ज्यादा खराब हों और न ही पूरी तरह स्थिर, तो सोने की कीमतों में 0-5% की बढ़त देखने को मिल सकती है. WGC का अनुमान है कि 2025 की दूसरी छमाही में कीमतें स्थिर रहेंगी, लेकिन सालाना रिटर्न 25-30% तक हो सकता है. यह भी निवेशकों के लिए आकर्षक रिटर्न है.

3. बेयर केस (Bear Case)

अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार होता है, शेयर बाजार मजबूत होता है और निवेशक जोखिम लेने को तैयार हो जाते हैं, तो सोने की मांग घट सकती है. इस स्थिति में कीमतें 12-17% तक गिर सकती हैं. हालांकि, WGC का मानना है कि 3,000 डॉलर प्रति औंस का स्तर मजबूत सपोर्ट रहेगा. अगर यह टूटता है, तो बिकवाली बढ़ सकती है.

भारत में 10 ग्राम सोने की कीमती कितनी होगी? 

अगर एक औंस की कीमत $3,839 होती है तो 10 तोले की कीमत कितनी हो सकती है?  

औंस (Ounce) एक वजन मापने की इकाई है, जिसे अंग्रेज़ी में "Ounce" या "oz" लिखा जाता है. अमेरिका और कई देशों में रोज़मर्रा के सामान की सामान्य माप के लिए इस्तेमाल होने वाला औंस होता है:

1 सामान्य औंस में 28.3495 ग्राम वजन होता है, ऐसे में 1 सामान्य औंस की कीमत  $3,839 चली जाती है तो यानी भारतीय रुपए में 10 ग्राम सोने कीमत करीब 1 लाख 16 हजार रुपए हो सकती है.

2025 में सोने का प्रदर्शन अब तक शानदार

WGC की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में सोने ने 26% की शानदार बढ़त दर्ज की है. यह बढ़त न केवल डॉलर में, बल्कि अन्य मुद्राओं में भी दोहरे अंकों में रही है. इसके अलावा:  

- सोने का डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम 329 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जो WGC के रिकॉर्ड में अब तक का सबसे ज्यादा है. साथ ही गोल्ड ETF में निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है.  

- इसके अलावा, गोल्ड होल्डिंग 397 टन बढ़कर 3,616 टन तक पहुंच गई, जो अगस्त 2022 के बाद सबसे ज्यादा है.  

भारतीय निवेशकों के लिए क्या है सलाह?

भारत में सोना हमेशा से निवेश और संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है. WGC की इस रिपोर्ट ने भारतीय निवेशकों के लिए नई संभावनाएं खोल दी हैं. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो सोना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश से पहले बाजार की पूरी रणनीति समझें. केवल ट्रेंड के आधार पर निवेश से बचें.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में निवेश का फैसला आपकी जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की अवधि पर निर्भर करता है. अगर आप 2025 के अंत तक इंतजार कर सकते हैं, तो बुल केस के तहत सोना शानदार रिटर्न दे सकता है. लेकिन अगर बाजार में सुधार होता है, तो बेयर केस में नुकसान का जोखिम भी है.

क्या सोना 4,000 डॉलर के पार जाएगा?

WGC की भविष्यवाणी ने इन्वेस्टर में उत्साह तो बढ़ाया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या सोना 2025 में 4,000 डॉलर का आंकड़ा छू पाएगा? या फिर वैश्विक सुधार की स्थिति में इसकी चमक फीकी पड़ सकती है? निवेश से पहले बाजार के रुझानों और अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग पर गौर करें.

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