Gold Silver Price Update: 2026 में सोने में आएगा बड़ा क्रैश? एनालिस्ट Avi Gilburt ने दी बड़ी चेतावनी

Gold Silver Price Update: क्या 2026 में सोने और चांदी में बड़ा क्रैश आने वाला है? Elliott Wave एक्सपर्ट Avi Gilburt ने सोने-चांदी की मौजूदा रैली को लेकर बड़ी चेतावनी दी है. 2011 का टॉप और 2015 का बॉटम सही बताने वाले एनालिस्ट का कहना है कि 2026 के बाद मल्टी-ईयर बेयर मार्केट शुरू हो सकता है. जानिए गोल्ड-सिल्वर का पूरा साइकिल.

Gold Price Crash 2026
Gold Silver Price Update

सौरभ दीक्षित

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सोने-चांदी के दाम रॉकेट की रफ्तार से दौड़ रहे हैं. बीते एक साल की बात करें तो सोने ने 82 फीसदी और चांदी ने 150 फीसदी से ज्यादा के रिटर्न दिए हैं. अब हर जगह यही चर्चा है सोना अब कभी गिरेगा नहीं लेकिन क्या वाकई ऐसा है? सोना-चांदी के इस खास एपिसोड में आज जानेंगे क्या यह सोने-चांदी का आखिरी बड़ा उछाल है? 2026 के बाद क्या बड़ा क्रैश आ सकता है? और 2011 के टॉप और 2015 के बॉटम बिल्कुल सही बताने वाले एनालिस्ट Avi Gilburt आज क्या चेतावनी दे रहा है? आइए विस्तार से जानते है पूरी कहानी

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सोने-चांदी का इतिहास

अगर हम इतिहास में जाए तो 2011 के बाद सोना लगातार गिरता रहा, ETFs लगातार पैसा निकालते रहें और सोने से लोगों का भरोसा टूट गया. 2015-16 में सोना और चांदी को निवेशकों ने भुला दिया था और यहीं से एक नया सुपर साइकिल शुरू हुआ था. 2015 के बाद 2025 तक सोने और चांदी में बड़ी चाल देखने को मिली, जिससे की सोने और चांदी में पैसा लगाने वाले निवेशकों ने मोटा पैसा बनाया.

सोना कई गुना बढ़ा चांदी ने सबसे तेज मूवमेंट दिखाया. 10 साल में सोने ने 395 फीसदी और चांदी ने 400 फीसदी का रिटर्न दिया है. 2015 में सोने का भाव 27 हजार रुपये प्रति ग्राम था जो आज 1 लाख 34 हजार पर आ गया है, वहीं  2015 में चांदी का भाव 40 हजार प्रति किलो था जो आज 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार है. 

अचानक क्यों बढ़ी इतनी कीमतें?

अब सवाल ये है कि अचानक ये कीमतें क्यों बढ़ गईं? तो साल 2015-16 में गोल्ड ETF बिकवाली से कीमतें गिरी थीं. फिर वैश्विक अनिश्चितता, महंगाई, रुपये की कमजोरी ने सोने को रॉकेट बना दिया. चांदी को सोलर पैनल, EV बैटरी जैसी इंडस्ट्री ने बूस्ट किया, क्योंकि निवेशक सोचते हैं कि ये तो हमेशा ऊपर जाएगा. लेकिन अब 2026 की शुरुआत से पहले एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, क्या सोने और चांदी में तेजी 2026 में भी जारी रहेगी?

Avi Gilburt ने क्या दी चेतावनी?

Avi Gilburt जो की Elliott Wave Theory के एक्सपर्ट हैं और दुनिया के जाने माने टेक्निकल एनालिस्ट हैं. Gilburt ने 2011 में गोल्ड का टॉप और 2015 का बॉटम बिल्कुल सही बताया था. अब वो कहते हैं  2026 तक ये रैली खत्म हो जाएगी, उसके बाद मल्टी-ईयर बेयर मार्केट शुरू होगा. सोने को लॉन्ग-टर्म हेज मानने वाले निवेशकों के लिए ये बात चौंकाने वाली लग सकती है. लेकिन गिलबर्ट कहते हैं कि सोने और चांदी की अपनी अलग वेव्स में चलती हैं, जो पॉपुलर मैक्रो कहानियों से अलग चलती हैं. Gilburt मानते हैं "फंडामेंटल्स मायने नहीं रखते, वो तो संयोग से आते हैं.

Avi Gilburt के एनालिसिस में क्या-कुछ?

Avi Gilburt का Elliott Wave एनालिसिस कहता है कि, सोना अभी 4300 डॉलर रुपये की वैल्यू में 1 लाख 13 हजार के सपोर्ट पर है. रेसिस्टेंस $4 हजार 383 डॉलर पर है. अगर ये टूटा, तो $3800 डॉलर तक गिर सकता है यानी भाव गिरकर 1 के आसपास आ सकता है. लेकिन ये खरीदारी का मौका हो सकता है फिर एक आखिरी बड़ा उछाल आएगा. भाव $5000 डॉलर पर पहुंच सकता है, लेकिन ये गोल्ड का फाइनल टॉप हो सकता है. उसके बाद $2000 से 3000 डॉलर तक भाव गिर सकता है.

Avi Gilburt के मुताबिक सिल्वर ने मिनिमम टारगेट हिट कर लिया. सपोर्ट होल्ड करें तो 80 डॉलर तक जा सकती है और इसके बाद 40 डॉलर का करेक्शन आ सकता है यानी दाम आधे तक गिर सकते हैं. ये 2010-11 जैसा ब्लो-ऑफ टॉप होगा.

2010 में भी हुआ था उतार-चढ़ाव

2010 में भी तेज उछाल आया था, निवेशकों ने खूब पैसा लगाया और फिर बड़ी गिरावट आई थी. गिलबर्ट का तर्क है कि सोने का अपना साइकल है और इसे नजरअंदाज करने वाले निवेशक गलत तरफ फंस सकते हैं. सोने और चांदी से आगे, गिलबर्ट फाइनेंशियल मार्केट्स में बड़े खतरे देखते हैं. उनका मानना है कि लॉन्ग-टर्म बॉन्ड मार्केट टॉप कर चुका है. इस दशक के बाद में यील्ड्स काफी ऊंची जाएंगी–इससे इक्विटी क्रैश हो सकता है. कुल मिलाकर गिलबर्ट कह रहे हैं कि भले ही सोने और चांदी के फंडामेंटल मजबूत दिख रहे हैं लेकिन इनका अपना साइकिल होता है जो आने वाले साल में पूरा होता दिख रहा है.

घरेलू ब्रोकरेज हाउसेज की क्या है राय?

  • Motilal Oswal का मानना है गोल्ड लॉन्ग टर्म में अब भी सुरक्षित एसेट है लेकिन शॉर्ट टर्म में वोलाटिलिटी रहेगी. यानी ऊंचे भाव पर अंधाधुंध खरीदारी खतरनाक हो सकती है.
     
  • ICICI Direct का कहना है कि सेंट्रल बैंक की खरीद डॉलर की कमजोरी सोने को सपोर्ट दे रहे हैं. अगर ग्लोबल ग्रोथ स्लो हुई तो सोने-चांदी में तेज करेक्शन संभव है.
     
  • Axis Securities का कहना है, चांदी में अंतिम तेज रैली बची हो सकती है लेकिन ये हाई रिस्क जोन है. उनकी सलाह है छोटे निवेशक लालच में न आएं, प्रॉफिट बुकिंग जरूरी है.

कुल मिलाकर बीते 10 साल में सोना-चांदी ने कमाल किया है लेकिन साइकिल का अंत नजदीक है. तीन ब्रोकरेज रिपोर्ट्स मिलाकर ये साफ है कि, 2026 रीसेट ईयर है और निवेशकों के लिए सलाह है कि ऊंचे भाव पर सोने और चांदी में खरीदारी सोच समझकर करें और अपना मुनाफा बुक करते चलें. ये खबर हमने आपकी जानकारी के लिए तैयार की है अगर आपको सोने और चांदी में खरीदारी करनी है तो अपने निवेश सलाहकार की राय जरुर लें.

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