पिछले कुछ दिनों से सोने-चांदी के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं. जो लोग सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहे थे उन्हें बड़ा झटका लगा है क्योंकि कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी जारी है. सोने-चांदी की कीमतों में इस तूफानी तेजी के बीच सरकार का बड़ा अपडेट सामने आया है. सरकार ने साफ किया है कि आखिर क्यों सोने-चांदी के दाम तेजी से भाग रहे हैं. सोना-चांदी के इस खास एपिसोड में आइए जानते हैं क्या है इसके तेजी से बढ़ने के कारण और साथ ही जानेंगे लेटेस्ट प्राइस भी.
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सोने-चांदी का लेटेस्ट भाव
MCX एक्सचेंज पर 16 दिसंबर को 5 फरवरी 2026 की डिलीवरी वाला सोना दोपहर डेढ़ बजे 336 रुपये की गिरावट के साथ 1,33,794 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. वहीं 2 अप्रैल 2026 की डिलीवरी वाला सोना 1,36,802 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था. भारत में 24 कैरेट सोना 1,35,390 रुपये प्रति 10 ग्राम और एक किलो चांदी की कीमत 2,03,100 रुपये पर आ गई है.
सरकार ने बताया लगातार बढ़ रही तेजी का कारण?
अगर आप भी हाल के दिनों में सोना या चांदी खरीदने बाजार गए हैं, तो एक सवाल जरूर आपके मन में आया होगा कि इतनी तेजी से सोने और चांदी के दाम क्यों बढ़ गए हैं? आज इसी सवाल का जवाब सरकार ने संसद में दिया है. सरकार ने साफ कहा है कि सोने और चांदी की कीमतों में आई भारी बढ़ोतरी किसी एक वजह से नहीं, बल्कि कई बड़े वैश्विक कारणों की वजह से हुई है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए बताया कि दुनिया भर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता इसकी सबसे बड़ी वजह है.
दरअसल जब दुनिया में युद्ध जैसे हालात बनते हैं, या फिर मंदी की आशंका बढ़ती है, तो निवेशक शेयर बाजार से डरने लगते हैं. ऐसे समय में लोग अपना पैसा जोखिम भरी जगहों से निकालकर सुरक्षित निवेश में लगाना चाहते हैं. और इसी सुरक्षित निवेश में सबसे पहला नाम आता है- सोना और चांदी. यही वजह है कि जैसे ही दुनिया में अनिश्चितता बढ़ती है, लोग और बड़े निवेशक सोना और चांदी खरीदने लगते हैं. इससे इनकी मांग तेजी से बढ़ जाती है और जब मांग बढ़ती है, तो कीमतें भी अपने आप ऊपर चली जाती हैं.
सरकार ने ये भी बताया कि सिर्फ आम निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक और बड़े वित्तीय संस्थान भी बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं. जब इतने बड़े पैमाने पर खरीद होती है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है.
भारत में कैसे तय होती है कीमत?
सरकार ने यह भी साफ किया है कि भारत में सोने और चांदी की कीमतें पूरी तरह भारत में तय नहीं होतीं. इनकी कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव पर, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर और भारत में लगने वाले टैक्स और शुल्क पर निर्भर करती हैं.
अगर डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर होता है, तो भारत में सोना-चांदी और महंगे हो जाते हैं. सोना और चांदी सिर्फ गहने नहीं हैं. भारत जैसे देश में इनका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है. शादी-ब्याह, त्योहार और मुश्किल समय के लिए लोग इन्हें संपत्ति के रूप में रखते हैं. यही वजह है कि अलग-अलग राज्यों और समाजों में इनका असर भी अलग-अलग होता है.
'कीमतें बढ़ना एक सकारात्मक पहलू भी'- सरकार
सरकार ने ये भी कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी का एक सकारात्मक पहलू भी है. जिन परिवारों के पास पहले से सोना और चांदी मौजूद है, उनकी संपत्ति का मूल्य बढ़ जाता है. यानी उनकी घरेलू संपत्ति कागजों में ज्यादा मजबूत दिखने लगती है. हालांकि सरकार ने एक बात बिल्कुल साफ कर दी है कि सोने और चांदी की कीमतें पूरी तरह बाजार के हिसाब से तय होती हैं और सरकार इनकी कीमत तय करने में कोई सीधी दखल नहीं देती.
आंकड़ों की बात करें तो सरकार ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक भारत ने करीब 26.51 अरब डॉलर का सोने और 3.21 अरब डॉलर की चांदी का आयात किया है. ये आंकड़े बताते हैं कि भारत में सोने-चांदी की मांग अब भी काफी मजबूत बनी हुई है. तो कुल मिलाकर, सोने और चांदी के दाम बढ़ने की वजह न कोई अफवाह है और न कोई अचानक लिया गया फैसला. इसके पीछे दुनिया की अनिश्चित स्थिति, निवेशकों की सोच और अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर है. अब देखना होगा कि आने वाले वक्त में वैश्विक हालात सुधरते हैं या सोना-चांदी और महंगे होते हैं.
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